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अभनपुर में तैनात स्वास्थ्य विभाग की एक महिला कर्मचारी ने संतान पालन अवकाश के लिए आवेदन लगाया था। चार महीने से अधिक समय बीत गया, उसको अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। धमतरी में तैनात एक महिला कर्मचारी के साथ भी यही हुआ। इसको लेकर कर्मचारियों में नाराजगी है।पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक के खिलाफ PMO से शिकायत, दवा खरीदी में कमीशन लेने का लगा आरोप
राज्य कर्मचारी संघ के महामंत्री एके चेलक ने बताया, इसके लिए प्रशासकीय विभाग को अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार दिए जाने का प्रावधान है। अवकाश चाहने वाली महिला कर्मचारी अपने नियंत्रण अधिकारी को आवेदन देती हैं, यह जिला अधिकारी से होता हुआ संचालनालय और फिर मंत्रालय में विभागीय सचिव तक पहुंचता है। इसमें कई महीनों का समय लगता है। जब तक अवकाश की अनुमति कर्मचारी तक पहुंचती है तब तक चाही गई अवकाश अवधि खत्म हो चुकी होती है। संघ के आमोद श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि ऐसी गड़बड़ी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के मामले में अधिक है। संघ के पदाधिकारी संतान पालन अवकाश की स्वीकृति देने का अधिकार जिला स्तर के अधिकारी को देने की मांग की है। हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग की सचिव रीता शांडिल्य ने कहा है कि उनको अभी तक इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है।
दो वर्ष के अवकाश का प्रावधान
महिला कर्मचारियों को उनके संपूर्ण सेवाकाल में 730 दिन यानी दो वर्ष तक का संतान पालन अवकाश दिए जाने का प्रावधान है। महिला कर्मचारी को यह अवकाश दो संतानों की देखभाल तक सीमित है।
महिला कर्मचारियों को उनके संपूर्ण सेवाकाल में 730 दिन यानी दो वर्ष तक का संतान पालन अवकाश दिए जाने का प्रावधान है। महिला कर्मचारी को यह अवकाश दो संतानों की देखभाल तक सीमित है।