राज्यपाल ने लिखा कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार के ओएमयू में बोनस के संबंध में शर्तों का शिथिल किया जाए। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस संबंध में दूसरा पत्र भेजा था। उन्होनें लिखा था, अगर केंद्र सरकार किसानों को धान का 2500 रुपए दाम नहीं दे सकती तो वह राज्य सरकार को इस दर से खरीदी की अनुमति प्रदान करें। इसके लिए उन्होनें विकेंद्रीकृत खरीदी योजना के लिए केंद्र और राज्य के बीच हुए समझौते के बोनस संबंधी शर्तों को शिथिल करने का अनुरोध किया था, जैसा पिछले दो वर्षों से चल रहा था।
मुख्यमंत्री ने शपथ लेकर धान का दाम 2500 रुपए प्रति क्विंटल करने के साथ ही केंद्र सरकार को पत्र लिखकर शर्तों में ढील देने की मांग की थी। लोकसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री ने किसानों से भाजपा को वोट नहीं देने की अपील करते हुए कहा था, अगर भाजपा केंद्र में लौटी तो बोनस पर आपके खिलाफ फैसला देगी।