राज्यपाल ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानून 1996 लागू है और इसके तहत ग्राम सभा को विशेष अधिकार दिए गए हैं। ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाने से वहां के लोग पेसा कानून के प्रावधानों से वंचित हो जाते हैं। अनुसूचित क्षेत्र के नगर पंचायतों के लिए मेसा कानून अभी संसद द्वारा पारित नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में राज्यपाल की अनुमति के बिना कोई भी कार्यवाही किया जाना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाकर संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत पहले भी कार्य किया गया था और अभी भी किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि इस संबंध में पूर्व राज्यपाल द्वारा दिये गए सुझाव को भी नहीं अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि 04 ग्राम पंचायत अंकार-डौंडी, प्रेमनगर, नरहरपुर, बड़े बचेली को नगर पंचायत बनाये जाने पर उन ग्राम पंचायतों द्वारा दावा आपत्ति कर नगर पंचायत में शामिल न होकर ग्राम पंचायत में रहने का आग्रह किया गया है, उस संबंध में उचित कार्यवाही कर एक सप्ताह के अंदर जानकारी भेजें अन्यथा राज्यपाल उचित कार्यवाही करने के लिए बाध्य होंगी। राज्यपाल ने मरवाही ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने के संबंध में समस्त प्रक्रिया रोके जाने के निर्देश दिए।
राज्यपाल ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाते समय संविधान के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे नियम कानूनों की सहीं जानकारी अपने मंत्रियों के समक्ष रखें। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाने के संबंध में वे विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री से भी चर्चा करेंगी। राज्यपाल ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाने के लिए संविधान के प्रावधानों के अनुसार वैधानिक प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए, जिससे जनजातियों का अधिकार भी सुरक्षित रह सके।
राज्यपाल ने आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव से कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक की सूचना उन्हें अवश्य दी जाए, ताकि आदिवासियों के कल्याण संबंधी बिन्दु एजेण्डा में शामिल कराया जा सके। इसके साथ ही इन बैठकों में आदिवासियों के संबंध में शामिल किए गए नीतिगत विषयों की जानकारी भी दी जाए। बैठक में राज्यपाल के सचिव श्री सोनमणि बोरा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक श्री सोमिल चौबे और राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री आर.के. अग्रवाल उपस्थित थे।