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राज्यपाल ने कहा, गैर राजनीतिक हो जनजातीय सलाहकार परिषद का अध्यक्ष

locationरायपुरPublished: Sep 17, 2019 11:50:17 am

Submitted by:

Rahul Jain

 
छत्तीसगढ़ के (Governor Anusuiya Uikey) लिहाज से इस सुझाव को काफी गंभीर माना जा रहा है। पांचवी अनुसूची में शामिल क्षेत्रों के बारे में सुझाव देने के लिए गठित जनजातीय सलाहकार परिषद में अभी तक राज्य का मुख्यमंत्री ही अध्यक्ष होता आया है।
 

राज्यपाल ने कहा, गैर राजनीतिक हो जनजातीय सलाहकार परिषद का अध्यक्ष

राज्यपाल ने कहा, गैर राजनीतिक हो जनजातीय सलाहकार परिषद का अध्यक्ष

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके (Governor Anusuiya Uikey) ने जनजातीय सलाहकार परिषद का अध्यक्ष किसी गैर राजनैतिक व्यक्ति को बनाने का सुझाव दिया है। राज्यपाल ने सोमवार को नई दिल्ली में जनजातीय मुद्दों से संबंधित राज्यपालों के उप समूह की बैठक में यह सुझाव दिया है। छत्तीसगढ़ के लिहाज से इस सुझाव को काफी गंभीर माना जा रहा है। पांचवी अनुसूची में शामिल क्षेत्रों के बारे में सुझाव देने के लिए गठित जनजातीय सलाहकार परिषद में अभी तक राज्य का मुख्यमंत्री ही अध्यक्ष होता आया है।
दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नवम्बर में राज्यपालों की बैठक लेने वाले हैं। इससे पहले नई दिल्ली में झारखण्ड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की अध्यक्षता में जनजातीय मुद्दों से संबंधित राज्यपालों के उप समूहों की बैठक हुई। इसमें राज्यपाल अनुसुईया उइके भी शामिल हुईं। उन्होंने निरस्त वन अधिकार पट्टों की फिर से परीक्षण कराने, अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत शक्तियों का विस्तार कानून (पेसा) के क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षण देने की बात कही। राज्यपाल ने आदिवासी क्षेत्रों में नियंत्रित खनन की भी सिफारिश की है। इस बैठक में त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस, असम के राज्यपाल जगदीश मुखी, मेघालय के राज्यपाल तथागत राय, ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव दीपक खाण्डेकर मौजूद थे।
राज्य की उपलब्धियों को भी बताया

बैठक में राज्यपाल ने बताया कि पांचवी अनुसूची के तहत राज्यपाल को प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ में यह विशेष निर्णय लिया गया है कि बस्तर और सरगुजा संभाग के अंतर्गत आने वाले जिले के केवल स्थानीय निवासियों से ही तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणियों के पदों पर भर्ती की जाएगी। उन्होंने बताया कि 20 सदस्यीय जनजातीय सलाहकार परिषद् का गठन किया गया है। साथ ही जनजातियों की बोलियों को संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है तथा उनके लोक नृत्य एवं गीत को सरंक्षण हेतु आदिवासी लोक कला महोत्सव का आयोजन किया जाता है। देवगुड़ी निर्माण के लिए 1 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है। आदिवासी क्षेत्रों में हाट बाजारों में मोबाईल एम्बुलेंस के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
परिषद में मुख्यमंत्री का यहां पहले से विरोध

छत्तीसगढ़ में जनजातीय सलाहकार परिषद में मुख्यमंत्री की मौजूदगी का पहले से विरोध होता रहा है। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज परिषद में गैर आदिवासी मुख्यमंत्री होने के नाम पर विरोध करता रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में परिषद के पुनर्गठन के बाद विरोध तेज हुआ है। सर्व आदिवासी समाज ने सरकार को नियमों में बदलाव के लिए अक्टूबर तक का समय दिया है। बदलाव नहीं होने की स्थिति में समाज ने 3 नवम्बर को प्रदेश भर में प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
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