समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस महान राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर मैं उन समस्त विभूतियों को नमन करता हूं, जिन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई में अमूल्य योगदान दिया और देश को आजादी दिलाई। मैं
भारतीय सेना और सुरक्षा बलों के उन अमर शहीदों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान देकर देश की रक्षा की और उन तमाम जवानों का भी अभिनंदन करता हूं, जो सीमाओं पर तैनात रहकर हमारे देश की एकता और अखण्डता की रक्षा कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह कहते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान निर्माताओं और विशेषकर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद तथा डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की भावनाओं के अनुरूप भारतीय गणतंत्र को असीम ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया है। उन्होंने हमारी संघीय शासन व्यवस्था में राज्यों को मान-सम्मान और महत्वपूर्ण विषयों पर भागीदारी देकर देश में एकजुटता, सक्रियता और विकास का उत्साहजनक वातावरण बनाया है।
प्रधानमंत्री ने ‘एक राष्ट्र-एक कर-एक बाजार’ की अवधारणा को जमीनी हकीकत में बदलते हुए देश में ‘जी.एस.टी.’ लागू कर भारत को विकसित देशों की कर-प्रणाली में खड़ा कर दिया। नई खनिज नीति के साथ ऐसी अनेक नीतियां और योजनाएं लागू की गईं, जिससे भारत का आर्थिक, सामाजिक आधार मजबूत हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में देश की जो नई विकास यात्रा शुरू हुई है, उसमें हमारा छत्तीसगढ़ राज्य भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राष्ट्र निर्माण में खनिज संपदा का योगदान बढ़ाने के लिए नई नीति के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ राज्य ने अग्रणी योगदान किया है।
वास्तव में गणतंत्र की मजबूती एक-एक व्यक्ति के सशक्तीकरण पर निर्भर करती है और इस दिशा में राज्य शासन द्वारा अनेक सराहनीय कदम उठाए गए हैं। हमारे प्रेरणा-स्त्रोत, एकात्म मानववाद तथा अन्त्योदय के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पूरी तरह संकल्पबद्ध है और प्रदेश सरकार के ऐसे विशेष प्रयासों से समाज के अंतिम तबके के अंतिम व्यक्ति का सशक्तीकरण अर्थात ‘अन्त्योदय’ हो रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य को नई पीढ़ी के निर्माण का मुख्य माध्यम बनाया गया है। शिक्षा के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की संख्या में बढ़ोत्तरी की गई, जिसके परिणामस्वरूप प्रवेश दर में वृद्धि हुई (विशेषकर बालिकाओं की दर्ज संख्या में) शालात्यागी दर में कमी आई, गुणवत्ता में सुधार हुआ। रोजगारपरक शिक्षा के लिए युवाओं में आकर्षण बढ़ा है।इसके अलावा राज्य सरकार के कई योजनाओं को लेकर संबोधन किया।