शोला और शबनम से डेब्यू
एनएसडी से पासआउट होने के बाद खुद को मांझने के मकसद मैंने लगभग 15 साल थियेटर किया। चूंकि मैं एक्टिंग के मामले में किसी से पीछे नहीं रहना चाहता था इसलिए आत्मविश्वास लाने के लिए मैंने खूब प्रेक्टिस की। केतन मेहता की फिल्म सरदार पटेल से मेरा फिल्मी कॅरियर शुरू हुआ लेकिन उस फिल्म को बनने से लेकर रिलीज होने तक 4 साल लग गए। शोला और शबनम मेरी डेब्यू रही। इसके बाद बैंडिट क्वीन में मौका मिला। इस फिल्म की शूटिंग सालभर से चल रही थी लेकिन डायरेक्टर विलेन की तलाश पूरी नहीं कर पाए थे। वे एक नया चेहरा चाहते थे। मैंने कुछ क्लिप और फोटोग्राफ्स भेजे। शेखर कपूर ने मिलने बुलाया। जो काम सालभर में पूरा नहीं हो पाया था महज 5 मिनट की मीटिंग में हो गया। इस फिल्म में चश्मा और कपड़ा मेरे पिता का था। शेखर कपूर ने देखते ही यस बोल दिया।प्रेमग्रंथ के रोल के बाद एक हफ्ते में 4 फिल्में
बैंडिट क्वीन के बाद मेरी एंट्री आरके बैनर की फिल्म प्रेमग्रंथ में हुई। आरके बैनर में प्रीमियर होता था। पूरी फिल्म इंडस्ट्रीज एकत्र होती थी। रातभर पार्टी चलती थी। पूरी इंडस्ट्री ने फिल्म देखी और मेरे काम को एप्रिशिएट किया। पार्टी चलती रही और लोग मिलते रहे। इस फिल्म के चलते अगले हफ्ते मैंने 4 बड़ी कमर्शियल फिल्में साइन की। तब से आज तक कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।सत्या के कैरेक्टर के लिए खरीदी 250 मैग्जीन
बैंडिट क्वीन में रामगोपाल वर्मा ने मेरा काम देखा था। इसमें 90 परसेंट से ज्यादा लोग थियेटर से थे। वर्मा ने इस फिल्म के 50 प्रतिशत कास्ट अपनी फिल्म सत्या में लिया। चूंकि थियेटर आर्टिस्ट रिसर्च बेस्ड होता है। सत्या में भाउ ठाकुरदास झावले के रोल से मिलते-जुलते मैंने 28 फोटो अलग-अलग मैगजीन से कलेक्ट किए। जहां पुरानी मैग्जीन बिकती थी वहां 4-4 घंटे बैठकर यही काम करते रहे। चूंकि दुकानदार किताब के पन्ने फाडऩे नहीं देता था। इस तरह 250 मैग्जीन एकत्र हो गई। सत्या के अलावा दूसरी फिल्मों में हमने उसी मैग्जीन या आसपास के कैरेक्टर उठाए थे।बचपन में साधु का क्रोध, ओएमजी में आया काम
मैंने हमेशा यह कोशिश की है कि आम जिंदगी से एक कैरेक्टर उठाऊं। सागर के पास दोस्तों के साथ खेलने खेतों की ओर जाया करते थे। वहां कुइंया थी या कहें छोटा सा कुआं। वहां से पानी निकालना, एक-दूसरे पर छींटना और मजे करना हमारी रूटीन में शामिल था। वहां पास एक कुटिया थी जहां एक साधु तपस्या करते थे। वे हमेशा हमें डांटते। हम डरकर भागे लेकिन फिर हम गए। तीसरी बार फिर पकड़े गए। उन्होंने मुझे हाथ से खींचा और मैं बाहर आ गया। सांटी से खूब मेरी सुटाई हुई। उनकी आंखों के अंगारे हमेशा के लिए मेरी मेमोरी में कैद हो गए। साधु के क्रोध को मैंने ओह माय गॉड में यूज किया।अपकमिंग फिल्में
सलमान खान के साथ ‘राधे’ आ रही है। भूल-भूलैया की शूटिंग चल रही है। इसके अलावा एक और फिल्म है जिसकी शूटिंग शुरू होने को है।मेहनत के संस्कार घर से मिले