आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में निलंबित एडीजी जी.पी. सिंह को रोजाना पीएचक्यू में हाजिरी देनी होगी। किसी कारणवश नहीं आ पाने पर सूचना देनी पड़ेगी। साथ ही शहर से बाहर जाने के लिए भी अनुमति लेनी होगी। निलंबन आदेश जारी होने की सूचना पीएचक्यू द्वारा भेजी गई है। इसका पालन नहीं करने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि निलंबन आदेश जारी होने के बाद नियमानुसार अपनी आमद पीएचक्यू में दर्ज करानी पड़ती है और हाजिरी रजिस्टर में हस्ताक्षर भी करना पड़ता है।
गृह विभाग से 5 जुलाई की देररात निलंबन आदेश जारी होने के बाद निलंबित जीपी सिंह को डीजीपी डी.एम. अवस्थी के समक्ष उपस्थिति दर्ज करानी थी। लेकिन, वह मंगलवार को दिनभर नहीं पहुंचे। बता दें कि यह तीसरा मौका है कि जीपी सिंह को पीएचक्यू भेजा गया है। इसके पहले आईपीएस राहुल शर्मा आत्महत्या प्रकरण व दूसरी बार ईओडब्ल्यू प्रमुख के पद से हटाने के बाद उन्हें पीएचक्यू भेजा गया था।
ईओडब्ल्यू-एसीबी की एक टीम को जांच के लिए ओडिशा भेजा गया है। बताया जाता है कि टीम क्योंझर जिले की आयरन-ओर खदान में निवेश करने की जांच करेगी। साथ ही जी.पी. सिंह के पिता से पूछताछ कर सकती है। उनसे विभिन्न कंपनियों में किए गए निवेश, बैंक खातों और जमीनों की जानकारी लेगी। ईओडब्ल्यू-एसीबी के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि और भी बेनामी चल-अचल संपत्ति होने की संभावना है। इसकी टीम जांच की जा रही है।
जी.पी. सिंह द्वारा तांत्रिकों के पास जाने और पूजा-पाठ कराने की जानकारी मिलने के बाद ओडिशा और कांकेर के 4 बाबा ईओडब्ल्यू के निशाने पर आ गए हैं। इन सभी से विभागीय टीम पूछताछ करेगी। साथ ही उन सभी से जी.पी. सिंह के कारनामों की जानकारी ली जाएगी।