पेसा से पंचायतें होंगी मजबूत
रायपुरPublished: Jun 14, 2018 07:55:22 pm
९ जिलों के ८५ जनजातीय बहुल विकासखंडों की ५०५५ ग्राम पंचायतों में विशेष ग्रामसभा का आयोजन
पेसा से पंचायतें होंगी मजबूत
छत्तीसगढ़ के १९ जिलों के ८५ जनजातीय बहुल विकासखंडों की ५०५५ ग्राम पंचायतों में विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर लोगों को पेेसा कानून के बारे में जागरूक किया जा रहा है। महात्मा गांधी ने कहा था – ‘सच्ची लोकशाही केंद्र में बैठे हुए २० आदमी नहीं चला सकते हैं। वह तो नीचे से हर एक गांव के लोगों द्वारा चलाई जानी चाहिए।Ó पंचायत राज संस्थाओं को ७३वें संशोधन के जरिए संवैधानिक दर्जा दिया गया है। संसद ने अधिसूचित क्षेत्र की पंचायतों के लिए पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम, पेसा कानून-१९९६ लागू किया है। इस अधिनियम को प्रभावशील करने का मकसद संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत आने वाले इलाकों की पंचायतों को सुदृढ़ करना है।
पेसा कानून के तहत राज्य सरकार ग्राम पंचायतों को ऐसी शक्तियां प्रदान करेगी जिससे वे स्वायत्तशासी संस्था के तौर पर काम कर सकेंगी। पेसा सरल लेकिन व्यापक और शक्तिशाली है. जो अनुसूचित इलाके के गांवों को क्षेत्र के संसाधनों और गतिविधियों पर अधिक नियंत्रण की शक्ति देता है। इस कानून में ग्रामसभा की अहम भूमिका है। जो आदिवासियों की परंपरा और रीति-रिवाजों, उनकी सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक संसाधनों का प्रबंधन और विवादों के निपटारे के लिए सशक्त बनाता है। पेसा के तहत ग्रामसभा को सामाजिक, आर्थिक विकास के कार्यक्रम और परियोजनाओं का अनुमोदन, योजनाओं के हितग्राहियों का चयन, राशि के इस्तेमाल का अधिकार है।
अनुसूचित क्षेत्रों में भूअर्जन से पहले और विस्थापितों के संबंध में सलाह, गौण खनिज के पट्टे का परामर्श और गलत तरीके से खरीदी गई जमीन वापस कराने का अधिकार, हाट-बाजारों के प्रबंधन, सामाजिक संस्थाओं, स्थानीय योजनाओं के स्रोतों पर भी नियंत्रण का अधिकार ग्रामसभा को पेसा के तहत है। बहरहाल, सत्ता के विकेंद्रीकरण से ही पंचायतों का विकास होगा। पंचायत राज की मूल अवधारणा स्थानीय योजनाओं में आम लोगों की भागीदारी है। पेसा के तहत ग्रामसभा को सामाजिक, आर्थिक विकास के कार्यक्रम और परियोजनाओं का अनुमोदन, योजनाओं के हितग्राहियों का चयन, राशि के इस्तेमाल का अधिकार है।