एक करोड़ पांच लाख का पुरस्कार
गोल्डमैन एनवायरमेंट फाउंडेशन का प्रतिष्ठित ग्रीन नोबेल पुरस्कार वर्ष 2014 में रायगढ़ निवासी रमेश अग्रवाल को सैन फ्रांसिस्को में प्रदान किया गया था। इस पुरस्कार के तहत उन्हें एक लाख 75 हजार डॉलर यानी भारतीय मुद्रा में एक करोड़ पांच लाख रुपए की राशि दी गई थी। प्रदेश की कई कोयला परियोजनाओं को निरस्त कराने में कामयाब रहे अग्रवाल जानलेवा हमले के बाद अपाहिज हो चुके हैं, बावजूद इसके वे अपने मिशन पर डटे हुए हैं।
पहले चल चुकी है गोली
अग्रवाल का कहना है कि अवैध ढंग से कोल खनन के मामले में रायगढ़ बदनाम रहा है। यहां उद्योग संचालित करने वाले लोग खुद को कानून और संविधान से ऊपर समझते हैं। गरीब आदिवासियों की जमीन को गलत ढंग से हथियाना आम बात हो गई है। स्थानीय प्रशासन भी इस काम में उद्योग समूहों की मदद ही करता है।
अनहोनी की आशंका
रमेश अग्रवाल ने बताया कि उद्योग समूहों ने कई तरह के झूठे प्रकरणों में फंसा रखा है, बावजूद इसके वे पूरी शिद्दत से लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि कुछ समय पहले जब वे घरघोड़ा पेशी पर गए थे, तब कोर्ट परिसर में ही कुछ लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया था। अब भी जब वे कभी बाहर निकलते हैं, तो मुंह पर कपड़ा बांधकर कुछ अज्ञात लोग उनका पीछा करते हैं।