‘सेव हसदेव’ हैशटैग के साथ विनीशा ने लिखा था कि ”हसदेव क्षेत्र के हजारों आदिवासी शांतिपूर्ण विरोध को बाधित करने की कोशिश कर रहे कोयला एजेंडा समर्थकों का सामना कर रहे हैं। वे राज्य की राजधानी तक 300 किमी पैदल मार्च पर निकले हैं ताकि अपनी जमीन से कोयला खनन को खत्म करा सकें।
”ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के रिट्वीट के बाद इस मुद्दे पर जगह-जगह चर्चा शुरू हो गई है। कई लोग इसे अलग-अलग देशों में चल रही खनन गतिविधियों और उसके विरोध में चल रहे स्थानीय आंदोलनों से जोड़ रहे हैं।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर की होलीक्रॉस स्कूल अंबिकापुर के छात्र-छात्राओं के इस काम की सराहना
गौरतलब है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में खनन परियोजनाओं को मंजूरी देने के खिलाफ वर्षों से आंदोलित स्थानीय ग्रामीणों ने 4 अक्टूबर से पदयात्रा शुरु की है। वे मदनपुर से पैदल चलकर आज बुधवार को रायपुर पहुंच चुके हैं। वे यहां
राज्यपाल अनुसूइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन देकर खनन बंद कराने की मांग करेंगे।
कौन है ग्रेटा थनबर्ग?
ग्रेटा थनबर्ग स्वीडन की स्टॉकहोम निवासी है। वे मात्र 18 वर्ष की है। इससे पूर्व ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने एक दस्तावेज भी पोस्ट कर दिया था, जिसे दिल्ली पुलिस ने टूलकिट कहा। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में गे्रटा थनबर्ग ने ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को स्वीडिश संसद के बाहर चर्चा शुरू की।
इस बात से खुश CM रमन ने किया ट्वीट, कहा- प्रधानमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री का धन्यवाद
असर यह हुआ कि कई देशों में ऐसी बैठकें शुरू हो गईं। शुक्रवार का दिन ही
‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’ अभियान के नाम से पर्यावरण को समर्पित कर दिया गया। सितंबर 2019 में ग्रेटा को पर्यारवणविद की हैसियत से संयुक्त राष्ट्र संघ में बोलने के लिए बुलाया गया। वहां ग्रेटा ने काफी प्रभावशाली भाषण दिया था।