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जिंदा पैंगोलिन बेचने के लिए घूम रहा युवक चढ़ा पुलिस के हत्थे

locationरायपुरPublished: Jan 28, 2022 05:43:29 pm

Submitted by:

Gulal Verma

गरियाबंद जिले में सालभर में दूसरी बार मिली तस्करी की पैंगोलिन

जिंदा पैंगोलिन बेचने के लिए घूम रहा युवक चढ़ा पुलिस के हत्थे

जिंदा पैंगोलिन बेचने के लिए घूम रहा युवक चढ़ा पुलिस के हत्थे

गरियाबंद। वन्य जीव तस्करी करने वालों के खिलाफ गरियाबंद जिला पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। गुरुवार को पुलिस ने एक जिंदा पैंगोलिन को तस्कर के पास से बरामद किया है। गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ धारा 9, 39(ख) 52 वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है। सालभर में गरियाबंद पुलिस ने दूसरी बार तस्करों से विलुप्त होती प्रजाति के जिंदा पैंगोलिन बरामद किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को मुखबीर से सूचना मिली थी कि मोटर साइकिल क्रमांक सीजी 23- एच.9247 में एक व्यक्ति ओडिशा से भौदी की ओर पैंगोलिन बेचने के लिए घूम रहा है। इस पर थाना प्रभारी पीपरछेडी ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। जिस पर ग्राम गोडलबाय नाला के पास आरोपी तरुण ठाकुर पिता टेशराम ठाकुर (25) साकिन रसेला थाना छुरा को पकड़ा गया। उसके पास से बोरी में एक जिंदा पैंगोलिन (साल खपरी) बरामद हुआ। पैंगोलिन का वजन 10 किलो 300 ग्राम और कीमत लगभग 5 लाख रुपए है।
क्यों होती है पेंगोलिन की तस्करी
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के मुताबिक दुनियाभर में वन्य जीवों की अवैध तस्करी के मामले में अकेले 20 फीसदी योगदान पेंगोलिन का है। यह एक ऐसा जानवर है, जिसकी तस्करी पूरी दुनिया में सबसे अधिक हो रही है। खासतौर पर चीन में इस जानवर का अधिक डिमांड है। क्योंकि, इसके खाल और मांस से पारंपरिक दवाइयां बनाई जा रही हैं। सांप, छिपकली की तरह दिखने वाला पेंगोलिन स्तनधारी जीवों की श्रेणी में आता है। दशकों से इस जीव की दुनियाभर में तस्करी हो रही है। इस जीव से बनने वाली दवाएं काफी महंगे दामों पर बिकती हैं। हालात ऐसा हो गया है कि अब पेंगोलिन विलुप्त होने वाले जीवों की श्रेणी में पहुंच गए हैं।
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