क्यों होती है पेंगोलिन की तस्करी
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के मुताबिक दुनियाभर में वन्य जीवों की अवैध तस्करी के मामले में अकेले 20 फीसदी योगदान पेंगोलिन का है। यह एक ऐसा जानवर है, जिसकी तस्करी पूरी दुनिया में सबसे अधिक हो रही है। खासतौर पर चीन में इस जानवर का अधिक डिमांड है। क्योंकि, इसके खाल और मांस से पारंपरिक दवाइयां बनाई जा रही हैं। सांप, छिपकली की तरह दिखने वाला पेंगोलिन स्तनधारी जीवों की श्रेणी में आता है। दशकों से इस जीव की दुनियाभर में तस्करी हो रही है। इस जीव से बनने वाली दवाएं काफी महंगे दामों पर बिकती हैं। हालात ऐसा हो गया है कि अब पेंगोलिन विलुप्त होने वाले जीवों की श्रेणी में पहुंच गए हैं।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के मुताबिक दुनियाभर में वन्य जीवों की अवैध तस्करी के मामले में अकेले 20 फीसदी योगदान पेंगोलिन का है। यह एक ऐसा जानवर है, जिसकी तस्करी पूरी दुनिया में सबसे अधिक हो रही है। खासतौर पर चीन में इस जानवर का अधिक डिमांड है। क्योंकि, इसके खाल और मांस से पारंपरिक दवाइयां बनाई जा रही हैं। सांप, छिपकली की तरह दिखने वाला पेंगोलिन स्तनधारी जीवों की श्रेणी में आता है। दशकों से इस जीव की दुनियाभर में तस्करी हो रही है। इस जीव से बनने वाली दवाएं काफी महंगे दामों पर बिकती हैं। हालात ऐसा हो गया है कि अब पेंगोलिन विलुप्त होने वाले जीवों की श्रेणी में पहुंच गए हैं।