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बारिश में पशु चिकित्सालय बना तालाब, 100 वर्ष पुराने तहसील भवन के छत की लकड़ी धसकी

locationरायपुरPublished: Aug 12, 2022 04:48:59 pm

Submitted by:

Gulal Verma

बारिश के चलते जिला मुख्यालय गरियाबंद के कई पुराने शासकीय भवनों के हालात बद से बदतर गई है। वार्ड क्रमांक 4 में वर्षों से पशु चिकित्सालय भवन का संचालन हो रहा है। यहां छतों से बारिश का पानी टपकना तो आम बात हो गई है। पिछले कई वर्षों से बारिश के समय पूरे अस्पताल का परिसर तालाब बन जाता है और चिकित्सालय के अंदर घुटनों तक पानी भर जाता है।

बारिश में पशु चिकित्सालय बना तालाब, 100 वर्ष पुराने तहसील भवन के छत की लकड़ी धसकी

बारिश में पशु चिकित्सालय बना तालाब, 100 वर्ष पुराने तहसील भवन के छत की लकड़ी धसकी

गरियाबंद। बारिश के चलते जिला मुख्यालय गरियाबंद के कई पुराने शासकीय भवनों के हालात बद से बदतर गई है। वार्ड क्रमांक 4 में वर्षों से पशु चिकित्सालय भवन का संचालन हो रहा है। यहां छतों से बारिश का पानी टपकना तो आम बात हो गई है। पिछले कई वर्षों से बारिश के समय पूरे अस्पताल का परिसर तालाब बन जाता है और चिकित्सालय के अंदर घुटनों तक पानी भर जाता है। जिसके चलते यहां कार्य करने वाले स्टॉफ और मवेशियों का इलाज कराने वाले लोगों को खासी मशक्कत के सामना करना पड़ता है। लगभग 58 वर्ष बीत जाने के बाद भी पशु चिकित्सालय में कार्यरत स्टॉफ को अभी भी नए भवन की उम्मीद नहीं दिख रही है।
ज्ञात हो कि राज्य के लगभग सभी पशु चिकित्सालय का संचालन नवीन व सर्वसुविधायुक्त भवन में हो रहा है। वर्ष 2009-10 में नए भवन निर्माण के लिए 25 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी, जो 12 वर्षों तक विभागीय अधिकारियों के प्रयास के बाद मिली थी। जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा नगर के संतोषी मंदिर वार्ड में स्थित पुराने बालक प्राथमिक शाला की भूमि को अग्रिम अधिमान्य किया था, परंतु आज पर्यंत तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। सूत्रों की माने तो इस जगह पर भवन निर्माण के लिए किसी अन्य विभाग ने आपत्ति की है, जिसके चलते जिला पशु चिकित्सालय भवन का निर्माण डोंगरीगांव में करने की तैयारी चल रही है। जिससे पशुपालकों के साथ-साथ विभाग के डॉक्टरों को इलाज करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं, दूसरी ओर नगर के तहसील कार्यालय में तहसीलदार से लेकर पटवारी तक अपनी जान हथेली पर लेकर कार्य कर रहे हैं। 100 वर्ष पुराने इस भवन में कभी भी दुर्घटना हो सकती है। बारिश के समय तहसील कार्यालय में पटवारियों के कक्ष के छत की भारी भरकम लकड़ी देखते ही देखते धसक गई। यह भवन काफी जर्जर अवस्था मेंं है। बावजूद इसके अधिकारी-कर्मचारी अपनी जान की परवाह किए बगैर रोजना यहां बैठकर ड्यूटी करते हैं।
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गरियाबंद तहसील भवन ऐतिहासिक महत्व का है। यह हमारी विरासत है। इसका जीर्णोद्धार किया जाना आवश्यक है। हमारे स्टाफ की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।
– किशोर शर्मा, तहसील गरियाबंद

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