औद्योगिक क्षेत्र में जहर बन रहा है भूजल, नहीं हो रही है सैंपलिंग
पर्यावरण संरक्षण मंडल को मिला है जांच का जिम्मा

रायपुर. राजधानी की औद्योगिक क्षेत्र की कई इकाइयों से निकलने वाला जहरीला पानी आसपास बसे गांवों के ग्रामीणों के लिए आफत बना हुआ है। उरला, बेंद्री और सिलतरा के मेटल पार्क इलाके के करीब 20 एकड़ जमीन, इस केमिकल युक्त पानी से खराब हो रही है। नाले व गड्ढों के पानी में बीओडी की मात्रा इतनी ज्यादा है कि इससे यहां की उपजाऊ जमीन बंजर हो रही है।
यह गंदा पानी भूमिगत जल को भी प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा नालों के माध्यम से खारुन तक भी पहुंच रहा है। इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंडल नें समय-समय पर पानी की जांच करने के निर्देश दिए हैं। फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी का सैंपलिंग भी करने के कड़े निर्देश हैं। जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पानी जहरीला होने से बीमारियों की आशंका है। औद्योगिक क्षेत्र में 250 फैक्ट्रियां हैं। नियमानुसार फैक्ट्रियों का गंदा पानी फैक्ट्री से बाहर नहीं जाना चाहिए। लेकिन कई फैक्ट्री संचालक नियमों को ताक पर रखकर यह पानी बाहर छोड़ रहे हैं।
भूमिगत जल में मिला रहे जहरीला पानी
कुछ फैक्ट्रियों में सीधे बोर करके जहरीले पानी को भूमिगत जल में भी डालने की सूचना मिली है। अहम बात यह है कि पर्यावरण संक्षण मंडल के अधिकारियों का कहना है उनके द्वारा लगातार फैक्ट्रियों की जांच की जा रही है, लेकिन यह सब उनकी नजर से दूर है।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का अभाव
करीब तीन दशक पूर्व स्थापित बावल औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों से निकलने वाले दूषित पानी के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की मांग समय समय पर उठती रही है। बावजूद इसके अभी तक क्षेत्र में शतप्रतिशत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनाया गया है। शुरुआती दौर में इस क्षेत्र की फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी बहुत कम था। जैसे-जैसे उद्योगों का विस्तार हुआ क्षेत्र में फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी की मात्रा भी बढऩे लगी।
कलेक्टर ने बनाई थी बीते साल टीम
उरला, सिलतरा और सांकरा के आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले करीब पांच साल में उनके गांव के कई लोगों के मवेशी फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले पानी को पीने से मर चुके हैं। इसके लिए कलेक्टर ने बीते साल जांच दल भी बनाया था। लेकिन आज तक समस्या से निजात नहीं मिली।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के सचिव आरपी तिवारी ने बताया कि जिन क्षेत्रों खुले में गंदा पानी बहाया जा रहा है। उसकी जानकारी आप क्षेत्रीय अधिकारी को दे दीजिए, उन्हें कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
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