इससे पहले जानी भाई की अगुवाई में ही यहां वैशाली नगर में श्री जलाराम मंदिर में जन्माष्टमी पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ। इसी दौरान उन्हें बुखार आने लगा था। दवा खाने के बाद ठीक महसूस करने लगे थे। 6 सितंबर की सुबह वे बालाघाट के लिए रवाना हुए थे। बताया जाता है कि गोंदिया अस्पताल के डॉक्टर भिलाई में डेंगू फैलने से वाकिफ नहीं थे इसलिए वे किडनी की समस्या समझकर डायलिसिस की तैयारी करने लगे थे। तब तक परिजन भी यहां से गोंदिया पहुंच चुके थे। उन्होंने बातचीत भी की लेकिन प्लेटलेट एकदम से घट गई और उनकी मौत हो गई।
यह महामारी अब तक कई लोगों की जान ले चुकी है । जिसके कारण हर क्षेत्रों में नगर पालिका द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कुछ दिन पहले डेंगू से एक ६ साल की मासूम ने दम तोड़ दिया। इससे अब डेंगू से मौत की संख्या ४२ हो चुकी है।