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डेंगू के कहर से नही बच पाए गुजराती समाज के कथावाचक, महामारी से हुई 42वीं मौत

locationरायपुरPublished: Sep 09, 2018 09:04:45 am

Submitted by:

Deepak Sahu

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए उचित इलाज के लिए निजी संस्थानों से भी मदद ली जा रही है

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डेंगू के कहर से नही बच पाए गुजराती समाज के कथावाचक, महामारी से हुई 42वीं मौत

भिलाई. गुजराती समाज के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित उमेशभाई जानी की शुक्रवार को गोंदिया के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। बालाघाट में शुक्रवार को श्री कच्छ गुर्जर क्षत्रीय समाज द्वारा आयोजित श्री जलाराम चरित पर प्रवचन के दौरान व्यासपीठ पर ही उनकी तबीयत बिगड़ी। उन्हें बालाघाट केे अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने स्थिति गंभीर देखकर गोंदिया रेफर कर दिया। यहां डॉक्टरों ने जांच की तब प्लेटलेट्स घटकर सिर्फ 97 रह गई थी। डेंगू से शहर में यह 4२वीं मौत है।

इससे पहले जानी भाई की अगुवाई में ही यहां वैशाली नगर में श्री जलाराम मंदिर में जन्माष्टमी पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ। इसी दौरान उन्हें बुखार आने लगा था। दवा खाने के बाद ठीक महसूस करने लगे थे। 6 सितंबर की सुबह वे बालाघाट के लिए रवाना हुए थे। बताया जाता है कि गोंदिया अस्पताल के डॉक्टर भिलाई में डेंगू फैलने से वाकिफ नहीं थे इसलिए वे किडनी की समस्या समझकर डायलिसिस की तैयारी करने लगे थे। तब तक परिजन भी यहां से गोंदिया पहुंच चुके थे। उन्होंने बातचीत भी की लेकिन प्लेटलेट एकदम से घट गई और उनकी मौत हो गई।

यह महामारी अब तक कई लोगों की जान ले चुकी है । जिसके कारण हर क्षेत्रों में नगर पालिका द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कुछ दिन पहले डेंगू से एक ६ साल की मासूम ने दम तोड़ दिया। इससे अब डेंगू से मौत की संख्या ४२ हो चुकी है।

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