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गुरु घासीदास अभयारण्य बनेगा टाइगर रिजर्व, भोरमदेव का प्रस्ताव खारिज

locationरायपुरPublished: Nov 25, 2019 12:30:28 am

Submitted by:

bhemendra yadav

राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला

गुरु घासीदास अभयारण्य बनेगा टाइगर रिजर्व, भोरमदेव का प्रस्ताव खारिज

file photo

रायपुर. मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से जुड़ा और कोरिया-सूरजपुर जिले में फैला गुरु घासीदास अभयारण्य छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रविवार को हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इसका फैसला हुआ। बोर्ड ने भोरमदेव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है।
स्थानीय विरोध को देखते हुए पिछली सरकार भोरमदेव को टाइगर रिजर्व बनाने की अधिसूचना को वापस ले चुकी थी। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने भी साफ कर दिया था कि भोरमदेव में टाइगर रिजर्व नहीं बनेगा। वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई) के छत्तीसगढ़ प्रभारी आर.पी. मिश्रा ने बताया कि गुरु घासीदास अभयारण्य संयुक्त मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। बंटवारे के समय उसका 70 फीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ में आ गया।
कान्हा में बाघों की संख्या 10 हो चुकी है। वहीं गुरु घासीदास अभयारण्य में तीन बाघ हैं। टाइगर रिजर्व बनने से उनकी संख्या बढ़ेगी। गुरु घासीदास अभयारण्य 1440.705 वर्ग किलोमीटर में फैला है। बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, विधायक खेलसाय सिंह, देवव्रत सिंह, शिशुपाल सोरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव अमिताभ जैन, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) अतुल कुमार, डब्ल्यूटीआई के प्रभारी आर.पी. मिश्रा, विश्व प्रकृति निधि के सोमेन डे, कंजरवेशन कोर सोाइइटी की मीतू गुप्ता, सेवानिवृत्त आईएफएस सुहास मिश्रा, के.सी. बेबर्ता, नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी के मोईज अहमद, पक्षी विशेषज्ञ मोहित साहू, पर्यावरणविद अमलेंदु मिश्रा, हेमंत कश्यप आदि शामिल थे।
लेमरू हाथी रिजर्व की अधिसूचना को मंजूरी
बोर्ड ने लेमरू हाथी रिजर्व की अधिसूचना को मंजूरी दे दी है। कोरबा, रायगढ़ व सरगुजा जिले के कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ और सरगुजा वनमंडल के वनक्षेत्रों को मिलाकर इसका गठन होगा। इसका क्षेत्रफल 1995.48 वर्ग किमी होगा। मंत्रिपरिषद से इसे पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

बाघों के लिए खास कार्ययोजना
1. बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय वाघ संरक्षण प्राधिकरण की मदद ली जाएगी। भारतीय वन्यजीव संस्थान के अध्ययन प्रस्ताव को भी मंजूरी।

2. मध्यप्रदेश से चार मादा और दो नर बाघ लाए जाएंगे। उन्हें उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाड़े में रखा जाना है।
3. अचानकमार टाइगर रिजर्व में एक मादा है, जबकि नर बाघों की संख्या चार है। इनके बीच वर्चस्व की लड़ाई इनके लिए ही खतरा बन गई है। 4. उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में एक मादा बाघ है, नर एक भी नहीं। अचानकमार से एक बाघ उदंती में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं अचानकमार से तीन गावों को हटाया जाएगा।
5. बाघों को पहली बार रेडियो कॉलर लगाया जाएगा।
बारनवापारा से कुछ चीतल बाहर होंगे
बारनवापारा में चीतलों की संख्या अधिक है। उनको गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व और उदंती-सीतनदी टाइगर रिजर्व में भेजा जाएगा। कम से कम 200 चीतलों हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।

– अतुल शुक्ला, पीसीसीएफ, वाइल्डलाइफ

भोरमदेव अभयारण्य टाइगर रिजर्व नहीं बनेगा। मगर बाघ कॉरिडोर को बेहतर ढंग से विकसित किया जाएगा। गुरु घासीदास अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा।

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