बाघों के लिए खास कार्ययोजना
1. बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय वाघ संरक्षण प्राधिकरण की मदद ली जाएगी। भारतीय वन्यजीव संस्थान के अध्ययन प्रस्ताव को भी मंजूरी।
2. मध्यप्रदेश से चार मादा और दो नर बाघ लाए जाएंगे। उन्हें उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाड़े में रखा जाना है।
3. अचानकमार टाइगर रिजर्व में एक मादा है, जबकि नर बाघों की संख्या चार है। इनके बीच वर्चस्व की लड़ाई इनके लिए ही खतरा बन गई है। 4. उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में एक मादा बाघ है, नर एक भी नहीं। अचानकमार से एक बाघ उदंती में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं अचानकमार से तीन गावों को हटाया जाएगा।
5. बाघों को पहली बार रेडियो कॉलर लगाया जाएगा।
बारनवापारा से कुछ चीतल बाहर होंगे
बारनवापारा में चीतलों की संख्या अधिक है। उनको गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व और उदंती-सीतनदी टाइगर रिजर्व में भेजा जाएगा। कम से कम 200 चीतलों हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
– अतुल शुक्ला, पीसीसीएफ, वाइल्डलाइफ
भोरमदेव अभयारण्य टाइगर रिजर्व नहीं बनेगा। मगर बाघ कॉरिडोर को बेहतर ढंग से विकसित किया जाएगा। गुरु घासीदास अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा।