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हसदेव बांगो परियोजना: मुख्य नहर टूटने से 100 एकड़ फसल तबाह, 18 घंटे बाद पहुंचे अधिकारी

locationरायपुरPublished: Aug 09, 2022 02:54:07 pm

Submitted by:

Mansee Sahu

बारगांव में नहर टूटने से लगभग 100 एकड़ से ज्यादा की फसल तबाह हो गई। इधर ग्रामीणों की सूचना के बाद लगभग 18 घंटे के बाद ही संबंधित सिंचाई विभाग के कर्मचारी पहुंचे। तब तक फसल सहित आधा गांव जलमग्न हो चुका था। सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा हैं।

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जांजगीर-चांपा। पामगढ़ विकासखंड के गांव बारगांव रविवार की रात के बाद अचानक आधा गांव नदी के रूप तब्दील हो गया। जहां तक नहर जा रही थी केवल पानी ही पानी नजर आ रहा था। पूरी रात ग्रामीण घर खाना-पीना छोड़कर पानी निकालने की जुगत में लगे रहे। पूरी रात भर ग्रामीण घर खाना-पीना छोड़कर पानी निकालने की जुगत में लगे रहे।

खेत, सड़क, मैदान और घर नहर के पानी से लबालब हो गए। ज्ञात हो कि सप्ताह भर पहले से नहर से पानी रिस रहा था। इसकी सूचना ग्रामीणों ने बकायदा सिंचाई विभाग के संबंधित अधिकारी को भी दी थी। शिकायत के बाद इसका मुआयना करने सिंचाई विभाग के अधिकारी पहुंचे थे। उन्होंने मुआयना भी किया मुआयना करने ले बाद बिना किसी ठोस कदम उठाए अधिकारी वापस लौट गए।

वर्तमान में बड़ी नहर में लबालब पानी चल रहा है। इसी दौरान रविवार की रात लगभग 7 से 8 बजे अचानक बड़े नहर क्षतिग्रस्त हो गया। क्षतिग्रस्त होने से नहर में तेज बहाव में पानी निकलने लगा। तेज बहाव होने के कारण चौड़ाई और भी बढ़ गई। इससे नहर का पानी खेतों में घुसने लगा। आसपास की लगभग 100 एकड़ से ज्यादा फसल जलमग्न हो गई । इधर खेतों के बाद आसपास के मकानों में भी पानी घुसने लगा। लगभग दर्जन भर से ज्यादा मकानों में पानी घुस गया। रात भर ग्रामीण बिना कुछ खाए पीए अपना सामान बचाने व पानी को बाहर निकालने में जुटे रहे।

इसके बाद सिंचाई विभाग के अधिकारीयों से संपर्क किया गया। रात में कोई नहीं पहुंचे। सुबह 6 बजे सरपंच सहित ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग को जानकारी दी, फिर भी ग्रामीण नहीं पहुंचे। बाद में मीडिया में खबर आने के बाद दोपहर 12 बजे के बाद अधिकारी पहुंचे। तब तक नहर का पानी आधे गांव को जलमग्न कर चुका था। खेत में खरीफ फसल के लिए लगाई गई धान की फसल चौपट हो गई। मकान अंदर पानी घुसने से अनाज सहित अन्य सामान खराब हो गया। बाद में नहर से बहाव को कम किया गया। साथ ही मरम्मत कार्य जाकर शुरू किया गया। तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।

किसी भी कर्मचारी पर नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों ने पहले ही नहर में रिसाव होने की सूचना पर सिंचाई विभाग के अधिकारी मुआयना कर वापस लौट गए थे। इसके बाद नहर टूटी और 100 एकड़ से ज्यादा फसल जलमग्न हो गई। इधर आधा दर्जन घरों में पानी घुस गया। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। फिर भी अब तक प्रशासन ने किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की है। शायद प्रशासन को किसी दूसरे हादसे का इंतजार है। इस तरह की गंभीर लापरवाही पर संबंधित पर कार्रवाई होना आवशयक है। सरपंच का भी कहना है सिंचाई विभाग की लापरवाही है।

फसल नुकसान की रिपोर्ट बनाने के निर्देश
पामगढ़ एसडीएम मरकाम ने बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ घटनास्थल का मुआयना कर मरम्मत का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। फसल सहित जो भी नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट बनाई जा रही है। प्रभावितों को राहत पहुंचाई जाएगी। यहां 2 किसान परिवार के घरों में पानी चले जाने के बाद इन परिवारों के राशन की व्यवस्था भी कर दी गई है।

 

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घरों में घुसा पानी IMAGE CREDIT:

कलेक्टर के निर्देश पर पहुंचे अफसर
पामगढ़ के ग्राम बारगांव में क्षतिग्रस्त हुए नहर से पानी खेत और घरों में घुसने से होने वाले नुकसान की जांच और पानी से ग्रामीणों के बचाव के लिए कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश पर पामगढ़ एसडीएम सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर निरीक्षण किया। कलेक्टर ने नहर के क्षतिग्रस्त हिस्से से पानी के बहाव को रोकने शीघ्रता से मरम्मत कार्य करने के निर्देश दिए हैं। सिंचाई विभाग द्वारा पानी के तेज बहाव को नियंत्रित कर नहर के क्षतिग्रस्त हिस्से को मरम्मत किया जा रहा है।

दोषी कर्मचारी पर हो कार्रवाई : सरपंच
इस संबंध में सरपंच लक्ष्मीन शिव नारायण कश्यप का कहना है कि नहर में रिसाव होने की जानकारी सप्ताह भर पहले सिंचाई विभाग को दी गई थी। इसके बाद नहर टूटने से 100 एकड़ से ज्यादा फसल जलमग्न हो गया। साथ ही मकानों में पानी घुस गया है। सुबह 6 बजे से लगातार फोन लगाया जा रहा था फिर भी अधिकारी पल्ला झाड़ रहे थे। मीडिया में खबर आने के बाद अधिकारी पहुंचे। दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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