कुपोषण और एनीमिया से मुक्ति के लिए मधुर गुड़ योजना शुरू मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर.के चतुर्वेदी ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर 13 जनवरी 2020 को फ्लोरोसिस प्रभावित ग्राम बाकल में स्वास्थ्य टीम भेजी गई थी। प्रारंभिक जांच के बाद 18 जनवरी से लगातार ग्राम बाकल में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में फ्लोरोसिस से प्रभावित मरीजों की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि हड्डी रोग से संबंधित 12 और दांत के 8 मरीज पाए गए हैं। डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि शिविर में आईडीएसपी यूनिट, फिजियोथैरेपिस्ट, हड्डी रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ और विकासखंड स्तर के स्वास्थ्य अमले द्वारा शिविर में प्रभावितों की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्राम बाकल की मनकू 45 वर्ष, सोमरीन बघेल 35 वर्ष, बुधमन 18 वर्ष की जांच की गई। इनमें हड्डी की विकृतियां पाई गई। इस पूरे जांच के दौरान हड्डी रोग के 12 और दांत के आठ व्यक्ति फ्लोरोसिस प्रभावित पाए गए।
शिविर में अन्य मरीजों का भी उपचार किया जा रहा है। डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि ग्राम बाकल की गुडिय़ा पिता शंभू नाथ उम्र 3 माह के फ्लोरोसिस प्रभावित होने की भी खबर एक दैनिक समाचार समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था। खबर के आधार पर जांच की गई। जांच में पाया गया कि गुडिय़ा को फ्लोरोसिस के कारण नहीं बल्कि उनमे जन्मजात विकृति पाई गई है। डॉक्टर चतुर्वेदी ने बताया कि गांव के फ्लोरोसिस प्रभावित हैंडपंप को बंद करने तथा पेयजल के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का आग्रह लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से किया गया है।