विरोधी धड़े का कहना था कि सहायक औषधि नियंत्रकों को फूड एक्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। फिर भी सैंपलिंग और कार्रवाई कर रहे थे। इसके बाद से गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के एसडीएम को प्रभार देने के निर्देश जारी कर दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना में स्पष्ट है कि एसडीएम या डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारी को ही अभिहित अधिकारी की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जा सकती है।
तीन साल बाद आदेश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 13 दिसंबर 2017 की अधिसूचना के अनुसार एसडीएम को अभिहित अधिकारी की अतिरिक्त जिम्मेदारी देनी है। अधिकारियों ने सहायक औषधि नियंत्रकों (एडीसी) को अभिहित अधिकारी बना दिया था। अब फिर तीन साल बाद विभाग ने आदेश जारी करके एसडीएम को प्रभार दे दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 13 दिसंबर 2017 की अधिसूचना के अनुसार एसडीएम को अभिहित अधिकारी की अतिरिक्त जिम्मेदारी देनी है। अधिकारियों ने सहायक औषधि नियंत्रकों (एडीसी) को अभिहित अधिकारी बना दिया था। अब फिर तीन साल बाद विभाग ने आदेश जारी करके एसडीएम को प्रभार दे दिया है।
यह काम है अभिहित अधिकारी का
अभिहित अधिकारी खाद्य पदार्थों की जांच के लिए सैंपल की पेपर स्लिप पर हस्ताक्षर से लेकर कोर्ट में केस फाइल करते हैं। उनका मुख्य काम खाद्य पदार्थ बेचने व बनाने के लिए लाइसेंस जारी करना होता है। समय-समय पर वे मिठाई दुकान के अलावा आटा चक्की, खाद्य पदार्थ बनाने वाली फैक्ट्री व दुकानों पर छापा मारकर सैंपल भी लेते हैं।
अभिहित अधिकारी खाद्य पदार्थों की जांच के लिए सैंपल की पेपर स्लिप पर हस्ताक्षर से लेकर कोर्ट में केस फाइल करते हैं। उनका मुख्य काम खाद्य पदार्थ बेचने व बनाने के लिए लाइसेंस जारी करना होता है। समय-समय पर वे मिठाई दुकान के अलावा आटा चक्की, खाद्य पदार्थ बनाने वाली फैक्ट्री व दुकानों पर छापा मारकर सैंपल भी लेते हैं।
अभिहित अधिकारियों का प्रभार सभी जिलों के एसडीएम को दिया गया है। आगामी आदेश तक अब एसडीएम ही प्रभारी होंगे।
रेणू पिल्ले, आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग
रेणू पिल्ले, आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग