मेनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल में कमी हो जाती है, जिससे हड्डियां कमजोर पड़ने लगती है। एस्ट्रोजन, कैल्सीटोनिन हार्मोन का उत्पादन बढ़ाता है और पैराथायराइड ग्रंथियों के प्रति बोन मास की सेंसिटिविटी को कम कर ओस्टियोजेनेसिस इसको बनाए रखने में मदद करता है।
एस्ट्रोजन में कमी
एस्ट्रोजन हार्मोन, हाथों में कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है और किडनी के माध्यम से कैल्शियम का उत्सर्जन कम करता है। यही वजह है कि महिलाओं में आंसू पूर्ण होने की आशंका पुरुषों की तुलना में 4 गुना अधिक होती है। एक स्वस्थ दिनचर्या और कुछ बातों का ध्यान रखकर इसको टाला जा सकता है।
लक्षण
मेनोपॉज में कई अन्य लक्षण भी आते हैं जैसे घबराहट, बेचैनी और ज्यादा पसीने आना, संक्रमण होना। ऐसे में अच्छी डाइट के साथ योग-मेडिटेशन भी नियमित जरूरी है। इनसे भी मेनोपॉज के लक्षणों में कमी लाई जा सकती है।
आहार में ये लें
संतुलित आहार के साथ कैल्शियम और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ अधिक लें।
कैल्शियम: दूध और दूध से बने उत्पाद बादाम चावल सोया मिल्क डोकरी हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों आदि का सेवन कर सकते हैं पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलेगा।
विटामिन डी: इसके लिए रोज 20 से 25 मिनट तक धूप में बैठना चाहिए। कोशिश करें सुबह 8 बजे से 9 बजे के बीच की धूप में बैठे। प्रोटीन: प्रोटीन के लिए कद्दू के बीज, मूंगफली, टोफू, अमरूद और अंकुरित दालें अधिक लें। सोयाबीन, पालक आदि में मैग्नीशियम और पोटेशियम होते हैं, जो हड्डियां मजबूत बनाते हैं। टमाटर, गाजर, अलसी के बीज आदि भी खाएं।