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छत्तीसगढ़ : स्वास्थ्य कर्मी आज से जाएंगे अस्पताल, वन कर्मी संभालेंगे जंगल

locationरायपुरPublished: Apr 14, 2022 01:05:12 am

Submitted by:

VIKAS MISHRA

दो संगठनों की हड़ताल समाप्त : तीस हजार से अधिक कर्मचारी हड़ताल में थे शामिल

छत्तीसगढ़ : स्वास्थ्य कर्मी आज से जाएंगे अस्पताल, वन कर्मी संभालेंगे जंगल

छत्तीसगढ़ : स्वास्थ्य कर्मी आज से जाएंगे अस्पताल, वन कर्मी संभालेंगे जंगल

रायपुर. पिछले तीन दिनों से प्रदेशभर के स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर थे, जो बुधवार को समाप्त हो गई। अब प्रदेश में जिला अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाएं गुरुवार से बहाल होगी। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष ओपी शर्मा ने बताया कि हड़ताल समाप्त करने से पहले संघ के प्रतिनिधि मंडल को स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव ने चर्चा के लिए बुलाया था। इस दौरान संघ की मांगों पर प्रमुख सचिव के साथ चर्चा हुई। कुछ प्रमुख मांगों पर सहमति बनी। जिसमें वेतन विसंगति के लिए प्रस्ताव बनाकर वित्त एवं सामान्य प्रशासन विभाग को सात दिन के अंदर भेजा जाएगा। ओपीडी की समय सारिणी में बदलाव, पुलिस विभाग की तरह स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को 13 माह का वेतन दिया जाना, स्टाफ नर्स के पदनाम में परिवर्तन, 34 प्रतिशत डीए एवं सातवें वेतनमान पर गृहभाड़ा भत्ता सहित अन्य मांगों पर सहमति दी गई। साथ संघ की मांग पर तीन दिवस का आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने के लिए विभागीय संचालकों को निर्देश दिया गया। इसके बाद संघ ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा की।
राज्य सरकार को मांगे पूरी करने के लिए दो महीने का दिया समय
छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संगठन की पिछले 24 दिनों से चल रही हड़ताल बुधवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी के आश्वासन के बाद स्थगित कर दी गई। संगठन के पदाधिकारियों ने पेग्रेड और वेतन विसंगति दूर करने राज्य सरकार को 2 महीने का समय दिया है। निर्धारित अवधि में मांगे पूरी नहीं करने पर फिर से आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मूलचंद शर्मा, प्रदेश सरंक्षक सतीश मिश्रा, प्रदेश सचिव सन्तोष सामन्त राय, सम्भागीय अध्यक्ष विराज मुदलियार, सम्भाग सचिव मनीष कुशवाहा एवं कर्मचारी नेता पवन पिल्लै ने बताया कि 21 मार्च से वह 12 सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इसमें प्रमुख रूप से वेतन विसंगति, पेग्रेड, दैनिक वेतन भोगियों के नियमितिकरण, आहार, वर्दी भत्ता सहित अन्य मांग शामिल थी। इसमें से अधिकांश मांगों को विभागीय स्तर पर पूरा कर दिया गया है। वहीं अन्य मांंगो को जल्दी ही पूरा करने का आश्वासन दिया गया है। इसे देखते हुए हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।

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