सरकारी स्कूल से शुरू हुआ सफर
पिता कारजूराम पटेल और मां रुखमणी पटेल किसानी करते हैं। मेरी स्कूलिंग गांव के ही सरकारी स्कूल से हुई। बीएससी डिग्री गर्ल्स कॉलेज और एमएससी रविवि से किया। वहां चक्रधारी सर के मार्गदर्शन में मैंने चिली यूनिवर्सिटी के लिए अप्लाई किया। इंटरव्यू में मुझे गैलेक्सी का डेटा दिया गया जिससे एक प्रॉब्लम सॉल्व करनी थी। पाइथन का यूज कर मैंने सॉल्व कर दिया।दूसरे सोलर सिस्टम पर रिसर्च
चिली में मैं हमारे सौर्य मंडल की बजाय दूसरे सोलर सिस्टम पर रिसर्च करूंगी। चार साल तक मुझे 100 फीसदी स्कॉलरशिप मिलेगी। इसके लिए मैं मार्च में रवाना होऊंगी। चूंकि मैंने एमएससी अंग्रेजी में किया है इसलिए इंग्लिश की समस्या नहीं आएगी, बावजूद अभी मैं इस लैंग्वेज पर पकड़ बनाने के लिए प्रैक्टिस कर रही हूं।ऐसे होता है सलेक्शन
रविवि एस्ट्रोफिजिक्स डिपार्टमेंट के सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर एन.के. चक्रधारी बताते हैं, हमारे यहां छात्रों को एस्ट्रोफिजिक्स से जुड़े प्रोजेक्ट कराए जाते हैं। इसके अलावा उन्हें नैनीताल स्थित आर्यभट्ट शोध संस्थान भी भेजा जाता है। इसके बाद चिली में आवेदन की तैयारी करते हैं। सबसे पहले हम छात्र की इंग्लिश इंप्रूवमेंट पर फोकस करते हैं। ताकि वे अच्छे से बोल व लिख सके। आवेदन के साथ दो टीचर्स का रिकमेंडेशन भेजना होता है। जो कि बहुत जरूरी है। इस प्रोसेस में बहुत समय लगता है।