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SIT पर हाईकोर्ट ने किए सवाल और मांगे दस्तावेज, कहा- निर्देशों का पालन नहीं तो कानून का सम्मान करो

locationरायपुरPublished: Mar 02, 2019 08:35:29 am

Submitted by:

Deepak Sahu

नान घोटाले की एसआईटी पर हाईकोर्ट ने खड़े किए सवाल, डीएसपी दुबे के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कार्रवाई पर रोक

Nan Scam

SIT पर हाईकोर्ट ने किए सवाल और मांगे दस्तावेज, कहा- निर्देशों का पालन नहीं तो कानून का सम्मान करो

बिलासपुर. हाईकोर्ट ने नान घोटाला मामले में सुनवाई के दौरान राज्य शासन के रवैये पर तल्ख टिप्पणी की। चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी और जस्टिस विमला सिंह कपूर की डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को एसआईटी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि आप वास्तव में भ्रष्टाचार के खिलाफ लडऩा चाहते हैं और इसे प्रदेश से मिटाना चाहते हैं तो कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। अगर ये भी नहीं कर सकते तो कम से कम कानून का तो सम्मान करें।
हाईकोर्ट ने शासन को नान मामले से संबंधित एसआईटी के मूल दस्तावेेज और रेकार्ड पेश करने का निर्देश देते हुए आर्थिक अपराध शाखा के डीएसपी आर.के. दुबे के खिलाफ दर्ज दो एफआइआर में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देते हुए मामले की आगामी सुनवाई 14 मार्च नियत की है। हाईकोर्ट ने फस्र्ट हाफ में मामले की सुनवाई करते हुए शासन को नान मामले में गठित एसआईटी से संबंधित सभी दस्तावेज दोपहर 3 बजे तक पेश करने के निर्देश दिए।
दोपहर तक वांछित दस्तावेज पेश नहीं होने पर युगलपीठ ने इसे गंभीरता से लेते हुए आज ही पेश करने का आदेश दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देर शाम तक दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए। बता दें कि नान मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए आइएएस अनिल टुटेजा के शिकायती पत्र के बाद शासन द्वारा एसआईटी गठित कर मामले की जांच कराई जा रही है। उक्त एसआईटी की वैधानिकता और की जा रही जांच पर रोक लगाने के लिए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
इसी मामले में एक अन्य याचिका आर्थिक अपराध शाखा के डीएसपी आर.के. दुबे की ओर से दायर कर उच्चाधिकारियों द्वारा दबाव बनाने और बयान बदलवाने को लेकर शिकायत की गई है। शुक्रवार को दोनों मामले की संयुक्त करते हुए सीजे की युगलपीठ ने शासकीय अधिवक्ता से फिर पूछा कि एसआईटी का गठन और जांच किस नियम और प्रावधानों के तहत की गई है। इसका जवाब दें, शासकीय अधिवक्ता द्वारा नियमों और कैबिनेट की मंजूरी के बाद एसआईटी गठन की जानकारी दी गई।

सीनियर एडवोकेट जेठमलानी ने दिए तर्क
याचिकाकर्ता दुबे के अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील महेश जेठमलानी ने एसआईटी गठन को अवैधानिक और असंवैधानिक बताते हुए कहा कि एसआईटी टीम का पिछले दिनों की क्रियाकलाप इस बात का गवाह है कि 15 फरवरी की सुनवाई के दौरान जो आश्वासन कोर्ट को दिया गया था, उसके विपरीत है। कोर्ट ने पिछली सनवाई में साफ कहा था कि जांच किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ प्रयोजनवश ना हो, जब तब कोर्ट इस मामले में अंतिम निर्णय न सुना दे।

शासन को एसआईटी गठन का अधिकार नहीं
मामले की पिछली सुनवाई के दौरान ये कहा गया था कि शासन को एसआइटी गठन का अधिकार ही नहीं है। ये जांच प्रयोजनवश है और इसकी जानकारी शासन से ली जाए। इस पर सीजे ने शासकीय अधिवक्ता को निर्देशित करते हुए एसआइटी गठन से संबंधित समस्त दस्तावेज और रेकार्ड शुक्रवार को ही कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया।

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