इसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हाथियों की करंट से बचाने वनक्षेत्र में विद्युत पोल ऊपर करने के साथ तार में कव्हर्ड कंटक्टर लगाने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के निर्देश के बाद विद्युत वितरण कंपनी ने वन विभाग से 1674 करोड़ रुपए की मांग की थी। इसके बाद मामला एनजीटी पहुंच गया था। एनजीटी ने विद्युत कंपनी को अपने खर्च पर विद्युत लाइन सुधार करने के आदेश दिया था।
विद्युत विभाग की जिम्मेदारी
वन विभाग ने विद्युत कंपनी द्वारा राशि मांगने पर केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से रकम मांगी थी। इसके बाद केंद्रीय मंत्रालय ने वन विभाग से कहा कि बिजली लाइनों का सुधार कार्य करने का कार्य विद्युत वितरण कंपनी का है। राज्य सरकार और विद्युत वितरण कंपनी को अपने बजट से सुधार कार्य कराना चाहिए।
53 हाथियों की करंट से मौत
राज्य निर्माण के बाद अब तक 174 हाथियों में 53 हाथियों की मौत करंट से हुई है। बावजूद इसके विभाग द्वारा मानव-हाथी द्वंद्व रोकने कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने की वजह से कोर्ट में पुन याचिका लगाई गई थी। वहीं वनबल प्रमुख राके श चतुर्वेदी को 2020 में केंद्रीय समिति ने पत्र लिखकर मानव हाथी द्वंद रोकने विद्युत के साथ ही राजस्व, पुलिस, कृषि विभाग और ग्राम पंचायत द्वारा किए जाने वाले 30 बिंदुओं पर सुझाव दिए थे। इसमें फसल चक्र बदलने भी शामिल था। वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने बताया कि सुझावों पर अमल नहीं करने की वजह से कोर्ट में याचिका दायर की है। साथ ही हाथियों की लगातार हो रही मौत पर कोर्ट में वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो से जांच कराने की मांग की गई है।