इस पर युगलपीठ ने रायपुर और बिलासपुर के एसडीएम को व्यक्तिगत रुप से 4 जनवरी को उपस्थित होने को कहा है। ज्ञात हो कि मामले की पिछली सुनवाई के दौरान निर्माण कार्य के बीच में दो पुलों के काम कराए जाने का हवाला देते हुए दिसम्बर में काम पूरा कराए जाने पर असमर्थता जताते हुए मार्च 2019 तक पूरा किए जाने की जानकारी दी गई थी। इस पर युगलपीठ ने नाराजगी जताई थी और कहा था कभी दिसम्बर में काम पूरा होने की बात कही जाती है अब मार्च तक काम पूरा होने की जानकारी दी जा रही है।
एनएच निर्माण कार्य में लगातार हो रही लेटलतीफी पर हाईकोर्ट ने निर्माण एजेंसियों पुंज एलाइड और एलएंडटी के निदेशकों को तलब किया था। अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा था कि अगली सुनवाई में रायपुर से बिलासपुर तक सड़क मार्ग से आएं, तब पता चलेगा कि सडकें किस कदर बदहाल है और इस पर चलने में लोगों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
आखिर 65 महीने बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य अब तक पूरा क्यों नहीं हो सका। हाईकोर्ट के निर्देश पर दोनों निर्माण कंपनी के निदेशकों ने उपस्थित होकर आश्वस्त किया था कि निर्माण कार्य हर हाल में 31 दिसम्बर के पहले पूरा कर लिया जाएगा, अब इसमें किसी प्रकार की देरी नहीं होगी। अधिकारियों के आश्वासन पर कोर्ट ने प्रोग्रेस रिपोर्ट से लगातार अवगत कराने के निर्देश दिए थे।
फोरलेन निर्माण कार्य में हो रही लेटलतीफी पर रायपुर के रजत तिवारी ने अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है। याचिका में सडक निर्माण कार्य में भी पूरा करने में हो रहे विलंब और सरकार द्वारा मूक दर्शक बने रहने पर एतराज जताया गया है। आरोप लगाया गया है कि 65 महीना होने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। इस काम में सरकारी अधिकारी ना ही सहयोग कर रहे हैं और काम की प्रापर मानिटरिंग भी नहीं की जा रही है। आखिर काम समय पर पूरा कैसे हो।