रायपुर

SIT जांच को मिला झटका, हाईकोर्ट ने पुछा- किस कानून के तहत हुआ इसका गठन

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने एसआइटी जांच को झटका देते हुए शासन को यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया

रायपुरFeb 16, 2019 / 08:47 am

Deepak Sahu

SIT जांच को मिला झटका, हाईकोर्ट ने पुछा- किस कानून के तहत हुआ इसका गठन

बिलासपुर. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी और जस्टिस पी.पी. साहू की युगलपीठ ने एसआइटी जांच को झटका देते हुए शासन को यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है।
साथ ही एसआइटी गठन और इसके द्वारा की जा रही जांच के संबंध में बार-बार पूछा कि आखिर एसआइटी गठन किस कानून के तहत की गई है, इसका प्रयोजन क्या है और इसकी जरुरत क्यों महसूस की गई? शासकीय अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए हाईकोर्ट से समय मांग लिया। इस पर युगलीठ ने सहमति जताते हुए 22 फरवरी तक की मोहलत दे दी और शासन से जानकारी लेकर जवाब देने का निर्देश देते हुए मामले की आगामी सुनवाई 1 मार्च तय कर दी।
साथ ही युगलपीठ ने एसआइटी जांच पर अंतरिम आदेश देते हुए आगामी सुनवाई तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने, जो किसी के लिए परेशानी का सबब हो, यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
रोक लगाए जाने की मांग : याचिकाकर्ता कौशिक की ओर से हालांकि याचिका अधिवक्ता प्रवीण दास की ओर से दायर की गई है पर शुक्रवार को मामले की पैरवी करने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी उपस्थित हुए। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए उन्होंने एसआइटी जांच तो दूर इसके गठन पर सवाल उठाते हुए पूछा कि शासन बताए कि आखिर एसआइटी का गठन किन प्रावधानों और नियमों के तहत किया गया है। शासकीय अधिवक्ता द्वारा कैबिनेट की मंजूरी से एसआइटी के गठन की जानकारी को उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए अवैधानिक बताया और इस पर रोक लगाए जाने की मांग की।
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