खुद को इंजीनियर बता ले ली 21 LED टीवी, बदले में दी ऐसा चीज की दुकानदारों के उड़ गए होश पुरोहितों के अनुसार माताएं अपने संतान के सुखमय जीवन के लिए कठोर व्रत रखती हैं। सुबह से साफ-सफाई कर महुआ पकाया तथा महुआ की लकड़ी का दतवन कर पत्तल, दोना, फल-फूल, नारियल थाली में सजाकर पूजन स्थल पर एकत्रित हुईं। घरों के सामने और आंगन में सगरी बनाकर उसमें कांस का मंडप सजाया तथा भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां रखकर शाम के पहर में कमरछठ का पूजन किया। विधि-विधान के अनुसार उबला महुआ और दही का भोग लगाया तथा परिवार के सदस्यों को प्रसाद के रूप में भी ग्रहण कराया।
योगी के फैसले का CG के काजी ने किया समर्थन, कहा – मदरसों में फहराएं तिरंगा, गाएं राष्ट्रगान इंद्रदेव भी प्रसन्न हुएपुरानी बस्ती सतबहनिया मंदिर के पं. विजय झा ने बताया कि नारी शक्ति के व्रत-उपवास में बड़ी शक्तियां हैं। उनके व्रत पूजन से इंद्रदेव प्रसन्न हुए और शाम को हुई बारिश से सगरी लबालब हो गई। यह बारिश फसल के लिए बहुत उपयोगी होगा।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत कलभगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 15 अगस्त को मनेगा। शहर के राधाकृष्ण मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। टाटीबंध इस्कॉन मंदिर में चार दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया है, जो रविवार को शुरू हुआ। राधाकृष्ण की वेशभूष में बच्चों ने फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में सुंदर प्रस्तुति दी। इसी तरह समता कॉलोनी, जवाहरनगर सहित अन्य मंदिरों में भगवान के जन्मोत्सव की तैयारियां की गई हैं।