scriptदुर्ग कोर्ट का फैसला : मासूम के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने वाले चरोदा केंद्रीय विद्यालय के एचएम को मरते दम तक जेल की सजा | HM of Charoda Kendriya Vidyalaya sentenced to jail till death | Patrika News

दुर्ग कोर्ट का फैसला : मासूम के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने वाले चरोदा केंद्रीय विद्यालय के एचएम को मरते दम तक जेल की सजा

locationरायपुरPublished: Nov 24, 2019 08:32:45 pm

Submitted by:

ramdayal sao

न्यायाधीश ने आरोपी को अप्राकृतिक कृत्य की धारा के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 5000 रुपए का जुर्माना भी किया है।

दुर्ग कोर्ट का फैसला : मासूम के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने वाले चरोदा केंद्रीय विद्यालय के एचएम को मरते दम तक जेल की सजा

चरोदा केंद्रीय विद्यालय के एचएम को मरते दम तक जेल की सजा


रायपुर/दुर्ग. आठ साल की मासूम बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के मामले में दुर्ग जिला न्यायालय के फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश मधु तिवारी ने फैसला सुनाते हुए चरोदा केंद्रीय विद्यालय के प्रधान पाठक फूलचंद धोबी (61) को दोषी ठहराया। न्यायाधीश ने आरोपी को अप्राकृतिक कृत्य की धारा के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 5000 रुपए का जुर्माना भी किया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर आरोपी को 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायाधीश ने इस फैसले में कहा है कि आरोपी का कृत्य ऐसा है कि प्रकरण के किसी भी बिन्दु पर नरमी नहीं बरती जा सकती है। किसी तरह का लाभ देने से समाज व देश में गलत मैसेज जाएगा। न्यायाधीश ने फैसले में आजीवन कारावास को परिभाषित करते हुए कहा है कि इसका आशय जीवन के शेष काल तक होगा।

दो माह बाद होने वाला था सेवानिवृत्त

आरोपी फूलचंद धोबी मूलत: राम लीला मैदान सुल्तानपुर, उत्तरप्रदेश निवासी है। वह कुछ वर्ष पहले ही चरोदा केंद्रीय विद्यालय में एचएम के रूप में पदस्थ हुआ था। दो माह बाद वह सेवानिवृत्त होने वाला था।

9 गवाहों का बयान दर्ज कराया

इ स प्रकरण में कुल 9 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। इनमें मासूम छात्रा के परिजनों के अलावा पहली बार इलाज करने वाले डॉक्टर से लेकर मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाले सरकारी अस्पताल के डॉक्टर शामिल थे। सभी गवाह पूर्व में दिए गए बयान पर कायम रहे।

यह है मामला – 29 अक्टूबर 2016 की घटना

केंद्रीय विद्यालय में पहली कक्षा में पढऩे वाली मासूम छात्रा की मां ने 29 अक्टूबर 2016 को घटना की शिकायत थाने में की थी। मां ने महिला टीआई दया कुर्रे को बताया कि उसकी बेटी स्कूल से घर पहुंचने के बाद उल्टी कर रही थी। इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गई। पूछताछ के बाद जो बातेंं सामने आई, वह दिल दहाले देने वाली थी। मासूम का कहना था कि स्कूल का हेड मास्टर उसके साथ अप्राकिृतक कृत्य करता है। स्पोट्र्स पीरियड के समय जब सब बच्चे खेलते रहते हैं तब एचएम उसे बाथरूम में ले जाकर घिनौना कृत्य करता है।
हाईकोर्ट – जमानत याचिका कर दी थी रद्द
इ स मामले में एचएम के खिलाफ अप्राकृतिक कृत्य और पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत एफआईआर कर 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे न्यायालय में पेश कर जेल दाखिल कराया गया था। तब से वह जेल में ही है। जिला न्यायालय से जमानत आवेदन निरस्त होने पर आरोपी ने हाईकोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया था। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने भी जमानत आवेदन निरस्त कर दिया था। अब फैसला आया है।

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