गौरतलब है कि प्रदेश के डॉक्टर, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, आईएमए और हॉस्पिटल बोर्ड द्वारा लंबे समय से सीमित संसाधन को देखते हुए होम आइसोलेशन (Home isolation) की मांग की जा रही थी। सरकार देर आई, मगर दुरुस्त आई। अभी भी 20 हजार से अधिक मरीज इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। मगर, अभी कुछ कमियां हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है। जो फीडबैक सर्वे में सामने आई हैं।
सुविधाओं में विस्तार
होम आइसोलेशन की सुविधा में विस्तार भी किया जा रहा है। सरकार ने होम आइसोलेशन का विकल्प इस्तेमाल करने वालों को फॉर्म भरने में दिक्कत आने पर हेल्पलाइन नंबर, होम आइसोलेशन के बारे में मोबाइल पर लिंक भेजा जा रहा है, डॉक्टर द्वारा ली जा रही फीस का निर्धारण किया गया, काउंसलर की नियुक्ति भी की गई।
ठीक होने की 3 प्रमुख वजहें
घर का माहौल- बिना लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। अस्पताल का माहौल मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार कर सकता है। नकारात्मक भाव पैदा होते हैं। अस्पतालों में इन दिनों अच्छा वातावरण, अच्छी सुविधा नहीं है। होम आइसोलेशन में रहने से व्यक्ति मानसिक तनाव से मुक्त रहता है। परिवार के सदस्य उनके पास होते हैं, जो उनका हौसला बढ़ाते हैं। यह मनोवैज्ञानिक जीत मानी गई है।
घर का खाना- अस्पताल का खाना मरीजों के हिसाब से बनाया जाता है। अस्पताल के बिस्तर पर मरीजों के बीच में बैठकर खाना, खिलाया भी नहीं जाता। घर में अपनी मर्जी का खाना बन सकता है। आप थोड़ी-थोड़ी देर में खाने की मांग कर सकते हैं। घर में हाईजिन का पूरा ध्यान रखा जाता है।
घर में थोड़ी आजादी- घर में आप भले ही कमरे में बंद रहें, मगर आप टीबी देख सकते हैं। खिड़की खोलकर खुली हवा ले सकते हैं। लिख-पढ़ सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी-
सरकार ने होम आइसोलेशन (Home isolation) का विकल्प मांगने वाले मरीजों के लिए 7566100283 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। जिस पर फॉर्म संबंधी जानकारी ली जा सकती है।
स्वास्थ्य विभाग की अपील- होम आइसोलेशन (Home isolation) वाले मरीजों से स्वास्थ्य विभाग की अपील है कि वे अपना मोबाइल बंद न करें। क्योंकि 24 घंटे, सातों दिन कोरोना कंट्रोल (corona update) रूम काम करता है। जहां से आपको फोन आएगा, आपसे स्वस्थ संबंधी जानकारी ली जाएगी। काउंसलर भी कॉल करेंगे।
बिना लक्षण वाले और कम लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन (Home isolation) के विकल्प की सुविधा है। बशर्तें वे नियमों का पालन करें। और उनके घर में मापदंडों के तहत सुविधाओं हों। परिणाम अच्छे रहे हैं।
डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग