बंदिश के बाद भी हुक्का की महफिल, संचालक पर मामूली केस
प्रदेश में हुक्काबार पर प्रतिबंध लगा है। इसके बाद भी हुक्का की महफिल सज रही है। तेलीबांधा इलाके के कई कैफे और रेस्टोरेंट में अब भी चोरीछुपे हुक्का पिलाया जा रहा है। इसका खुलासा शुक्रवार की रात को हुआ। मरीन ड्राइव के पास एक हुक्काबार में हुक्का पिलाया जा रहा था।
रायपुर
Published: February 20, 2022 09:56:53 am
रायपुर.
प्रदेश में हुक्काबार पर प्रतिबंध लगा है। इसके बाद भी हुक्का की महफिल सज रही है। तेलीबांधा इलाके के कई कैफे और रेस्टोरेंट में अब भी चोरीछुपे हुक्का पिलाया जा रहा है। इसका खुलासा शुक्रवार की रात को हुआ। मरीन ड्राइव के पास एक हुक्काबार में हुक्का पिलाया जा रहा था। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने छापा मारा। और संचालक के खिलाफ पुलिस ने कोटपा एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है। मौके से बड़ी मात्रा में हुक्का पॉट भी बरामद हुआ है।
पुलिस के मुताबिक मरीन ड्राइव के पास स्थित वाईअर्थ कैफे एंड रेस्टोरेंट में हुक्का पिलाया जा रहा था। इसकी जानकारी मिलने के बाद तेलीबांधा पुलिस ने छापा मारा और मौके से दो हुक्का पॉट बरामद हुआ। पुलिस ने इसके संचालक रवि आहूजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ कोटपा एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है।
बंदिश के बाद भी फलफूल रहा कारोबार
हुक्काबार के चलते युवा वर्ग नशे के गिरफ्त में जा रहा है। इसे रोकने के लिए शासन ने हुक्काबार पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद भी यह अवैध कारोबार फलफूल रहा है। उल्लेखनीय है कि जिस रेस्टोरेंट में हुक्का चल रहा था, उसके यहां पुलिस पहले भी छापा मार चुकी है। इसके बावजूद हुक्का बेखौफ चला रहा था। सूत्रों के मुताबिक कई होटलों और कैफे में यह धंधा अभी भी बेखौफ चल रहा है। पुलिस अब इसकी चेकिंग भी नहीं करती है।
नाबालिगों को भी देते हैं एंट्री
हुक्काबारों में सबसे ज्यादा नाबालिगों की भीड़ रहती है। हुक्काबार संचालक नाबालिगों को भी एंट्री देते हैं। यही वजह है कि हुक्का पीने का क्रेज नाबालिगों में ज्यादा है। नाबालिगों के अलावा युवतियों का भी जमावड़ा हुक्काबारों में नजर आता है। वीआईपी रोड, तेलीबांधा के अधिकांश रेस्टोरेंट व कैफे में चोरीछिपे हुक्का पिलाने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।
करोड़ों का कारोबार
हुक्काबार करोड़ों के अवैध कारोबार में तब्दील हो गया है। हुक्के का एक फ्लेवर 200 से 500 रुपए तक मिलता है। बड़े होटलों में इसकी कीमत और अधिक है। एक फ्लेवर ज्यादा से ज्यादा 2 घंटे तक ही चलता है। इस लिहाज से हुक्का बार संचालित करने वाले लाखों रुपए रोज कमाते हैं। यही वजह है कि हुक्काबार संचालकों का पुलिस पर काफी प्रभाव रहता है। और आसानी से उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती।

तेलीबांधा इलाके में चल रहा था हुक्काबार
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
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