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IAS की नौकरी छोड़ राजनीति में आए अजीत जोगी, कैसे बने छत्तीसगढ़ के पहले CM, जानिए उनका राजनीतिक सफर

locationरायपुरPublished: May 29, 2020 09:25:19 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ की राजनीति में लगातार सुर्खियों में रहने वाले अजीत जोगी (Ajit Jogi) के पारिवारिक जीवन और उनके सियासी सफर पर डालते हैं एक नजर-

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Former CM Ajit Jogi) 20 दिन बाद जिंदगी से जंग हार गए। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल में शुक्रवार दोपहर 3 बजे अजीत जोगी ने आखिरी सांस ली।
74 वर्षीय अजीत जोगी को 9 मई की दोपहर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सांस की नली में गंगा इमली का बीज फंस जाने से उनकी सांस रुक गई थी और कॉर्डियक अरेस्ट हुआ था। तब से वे वेंटीलेटर पर थे। उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था, डॉक्टरों की टीम दिन-रात से हर संभव प्रयास कर रही थी।
राजनीति में शतरंज के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले अजीत जोगी (Ajit Jogi) ने अध्यापक से करियर की शुरुआत की। इसके बाद आईपीएस, आईएएस और फिर छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया। छत्तीसगढ़ की राजनीति में लगातार सुर्खियों में रहने वाले अजीत जोगी के पारिवारिक जीवन और उनके सियासी सफर पर डालते हैं एक नजर-
यह है अजीत जोगी

– भोपाल के MACT (MANNIT) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके कुछ दिन रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन का काम किया।

– 1968 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफल हुए और IPS बने। दो साल बाद ही वे IAS बन गए।
– 14 साल मध्यप्रदेश में कलेक्टर रहे। ज्यादातर नियुक्ति उन्हीं जिलों में मिली, जो राजनीतिक क्षत्रपों के प्रभाव क्षेत्र माने जाते रहे।

– वे इंदौर कलेक्टर तब रहे जब MP में CM प्रकाश चंद सेठी थे। वहां सेठी की छत्रछाया रही।
– रायपुर में भी कलेक्टर का पद मिला, जो शुक्ला बंधुओं के प्रभाववाला क्षेत्र था। सीधी पोस्टिंग रही, जो अर्जुन सिंह का क्षेत्र था। वहां उनकी नजदीकियां हो गईं। ग्वालियर में भी कलेक्टर रहते हुए उनकी नजदीकियां माधवराव सिंधिया घराने से हो गई थी।
– रायपुर में कलेक्टर थे, उस समय राजीव गांधी के संपर्क में आ गए। जब राजीव गांधी रायपुर रुकते थे तो एयरपोर्ट पर जोगी खुद उनकी आवभगत के लिए पहुंच जाते थे। बताया जाता है कि इस खातिरदारी ने उन्हीं राजनीतिक की टिकट दिला दी।
– कांग्रेस प्रवक्ता रहने के साथ ही जोगी दो बार राज्यसभा के सदस्य बने। 1998 में रायगढ़ से चुनाव लड़कर पहली बार लोकसभा पहुंचे। लेकिन, 1999 में वे शहडोल से चुनाव हार गए थे।
– नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ गठन के दौरान उनके राजनीतिक केरियर में बड़ा बदलाव आया और उन्हें छघ के पहले मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। अपने तेवरों और विवादों के कारण वे सबसे चर्चित CM भी रहे।
– BJP से रमन सिंह के सत्ता में आने के बाद उन पर सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा। वर्ष 2005 में उन्हें इन्हीं आरोपों के चलते कांग्रेस ने निलंबित किया।
– अंतागढ़ उपचुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार की नाम वापसी को लेकर सौदेबाजी के आरोप लगे। बाद में उनका ऑडियो वायरल हो गया। इस पर जोगी के बेटे अमित जोगी को निष्कासित किया गया। इससे अजीत जोगी खुद को उपेक्षित और पार्टी में अलग-थलग पड़ गए।

14 साल कलेक्टर रहने का रिकार्ड –
– अजीत प्रमोद कुमार जोगी का जन्म 29 अप्रेल 1946 को बिलासपुर के पेंड्रा में हुआ। 1968 में वे आईपीएस हो गए और दो साल बाद आईएएस। लगातार 14 साल तक जिलाधीश बने रहे जो अपने आपमें एक रिकार्ड है।

इंदौर कलेक्टर रहते हुए छोड़ी थी नौकरी

– इंदौर से ही वे IAS छोड़कर राज्यसभा में चले गए। तब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और वे अजीत जोगी को तब से जानते थे जब वे इंडियन एयरलाइन्स के पायलट हुआ करते थे और जोगी रायपुर के कलेक्टर। जब भी इंडियन एयरलाइन्स का विमान लेकर राजीव गांधी रायपुर उतरते, अजीत जोगी वहां उनकी आवभगत को तैयार रहते।
– माना जाता है कि MP के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर वे राजनीति में आए थे।

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