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यह है नियम : कोई भी जिला निर्वाचन अधिकारी को 1 रुपए शुल्क चुकाकर प्रत्याशियों के आय-व्यय का ब्योरा ले सकता है। चुनाव (Lok sabha election) में खर्च की सीमा 28 लाख तय है। 2014 में भारत सरकार के निर्देश पर चुनाव आयोग (Election commission) ने लोकसभा, राज्यसभा (Rajysabha) और विधानसभा चुनावों (Assembly election) के उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च की सीमा को बढ़ाया था। विधानसभा चुनावों में बड़े राज्यों के लिए इस सीमा को 16 लाख से बढ़ाकर 28 लाख रुपये किया गया।
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रायपुर के कलेक्टर डॉ. बसव एस राजु ने बताया कि 22 जून के बाद प्रत्याशियों के द्वारा किए गए चुनावी खर्च को सार्वजनिक किया जाएगा। अंतिम आडिट के बाद जानकारी दी जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha election 2019) देश के इतिहास में अब तक का सबसे महंगा चुनाव साबित हुआ है। इस चुनाव में लोकसभा प्रत्याशियों और चुनाव आयोग को मिलाकर करीब 70,000 करोड़ खर्च होने की बात कही जा रही है।