मुख्यमंत्री ने जांजगीर-चांपा जिले में पदस्थ रहे पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक के विरुद्ध एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई बलात्कार की रिपोर्ट के मामले को काफी गंभीरता से लिया। उन्होंने मुख्य सचिव आरपी मंडल को तत्काल संबंधित अधिकारी को निलंबित करने और पूरे प्रकरण की जांच उच्च स्तरीय दल से कराने के निर्देश दिए।
बता दें कि बुधवार को बलात्कार पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने जांजगीर चांपा की पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता के मुताबिक पूर्व कलेक्टर पाठक ने उसे एनजीओ में बड़ा काम दिलाने का प्रलोभन देकर पहले दफ्तर बुलाया, उसके साथ दफ्तर में ही बलात्कार किया।
महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि कलेक्टर ने उनके पति का करियर प्रमोशन का आश्वासन दिया था। इसके बाद कलेक्टर सिर्फ आश्वासन देते रहे, लेकिन उनका काम नहीं किया। यही वजह है कि कलेक्टर का तबादला होने के बाद महिला ने उनकी शिकायत की। पुलिस ने पूर्व कलेक्टर पाठक के खिलाफ धारा 376 506 और धारा 509 के तहत जुर्म दर्ज किया है।
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महिला को रिपोर्ट लिखवाने के लिए एड़ी चोटी करना पड़ा, क्योंकि किसी कलेक्टर के खिलाफ इतना बड़ा आरोप लगाने के लिए पुलिस ने पर्याप्त आधार की मांग की थी। महिला द्वारा आधार बताया गया जिसमें कलेक्टर ने महिला के मोबाइल में चैटिंग की थी। यहां तक कि प्राइवेट पार्ट की फोटो भी मांगे थे। इसके अलावा और कई तथ्यों में कलेक्टर पूरी तरह फंसते नजर आए। इन तथ्यों को पुलिस ने बारीकी से जांच की। तकरीबन 3 घंटे तक जान चली। पुलिस ने उसके सारे आधार इकट्ठे किए। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज की गई।