यह कहना है माना सिविल अस्पताल में सर्दी-खांसी, बुखार और कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच व भर्ती करने के लिए बने आइसोलेशन वार्ड में तैनात स्टॉफ नर्स डॉ. रीना बरई का। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब वह वार्डों में जाती हैं तो बहुत से लोग स्क्रीनिंग कराने में कतराते हैं। लोगों को समझना होगा कि कोरोना संक्रमण का एकमात्र उपाय यही है कि शरीर को साफ-सुधरा रखा जाए। यदि बाहर निकलते हैं तो मास्क लगा लें। यदि यह उपलब्ध नहीं तो साफ कपड़े को ही थ्री लेयर करके मुंह को बांध ले। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग को भी समझना होगा। डॉ. बरई ने बताया कि अस्पताल में रोटेशन के हिसाब से ड्यूटी लगाई जाती है। एक सप्ताह दिन में तो एक सप्ताह रात में सेवा देनी पड़ती है। दिनभर काम करने के बाद भी दिल में यह खुशी रहती है कि उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया और उनकी स्क्रीनिंग की। उन्होंने बताया कि जब वह काम पर जाती है तो मां हमेशा चिंतित रहती है। 8 से 10 घंटे के भीतर कम से कम 4 से 5 बार हाल जानने के लिए उनका कॉल आता है।