scriptबिजली बंद तो 4 घंटे में करनी होगी आपूर्ति बहाल, मीटर जला तो 8 घंटे में बदलना होगा | If power is turned off, supply will have to be restored in 6 hours | Patrika News

बिजली बंद तो 4 घंटे में करनी होगी आपूर्ति बहाल, मीटर जला तो 8 घंटे में बदलना होगा

locationरायपुरPublished: Jun 05, 2020 12:42:57 am

उपभोक्ताओं को अधिकार देने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य, अधिनियम 2020 लागू

बिजली बंद तो 4 घंटे में करनी होगी आपूर्ति बहाल, मीटर जला तो 8 घंटे में बदलना होगा

बिजली बंद तो 4 घंटे में करनी होगी आपूर्ति बहाल, मीटर जला तो 8 घंटे में बदलना होगा

रायपुर. प्रदेश के 56 लाख बिजली उपभोक्ताओं के लिए को राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नए अधिकार दिए हैं। इन अधिकारों के तहत उपभोक्ता समय पर बिजली संबंधित कार्य न होने पर, शिकायत कर सकते हैं। शिकायत सही पाए जाने पर कंपनी को जुर्माना भरना होगा, जो सीधे उपभोक्ताओं के खाते में जमा होगा। बुधवार को आयोग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी, यानी यह अधिनियम अमल में आ गया। इसके तहत किए गए प्रावधानों में अगर बिजली बंद हुई तो चार घंटे में बहाली करनी होगी, मीटर जला तो आठ घंटे में बदलना होगा। उपभोक्ताओं को उनका अधिकार मिले और कंपनी अपनी सेवाओं के प्रति जवाबदेह बने, इसके लिए नियम बनाने वाले छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है।
‘पत्रिकाÓ ने सबसे पहले 30 नवंबर 2019 को इस ड्राफ्ट से संबंधित खबर प्रकाशित की थी। 9 मई को बताया था कि इसे गजट नोटिफिकेशन के लिए भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि नए बिजली कनेक्शन, मीटर में आने वाली खराबी को दूर करने, मीटर रीडिंग, लोड बढ़ाने और बिलिंग संबंधी सभी शिकायतों के निराकरण का समय तय कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक विद्युत अधिनियम 2003 के मुताबिक उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त और बिना कटौती के विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। इसका पालन करने वाले लिए आयोग को मापदंड तय करने का जिम्मा सौंपा गया। इलेक्ट्रिसिटी सरप्लस राज्य में कटौती रहित बिजली मुहैया करवाई जाए, इसके लिए विद्युत नियामक आयोग (विद्युत वितरण निष्पादन के लिए मानक) विनियम 2020 लागू किया गया है।
शहरों में इस प्रकार रहेगी व्यवस्था

10 लाख या उससे अधिक जनसंख्या वाले शहर में अप्रैल से जून तक किसी भी माह में 10 घंटे से अधिक बिजली बंद होने की स्थिति में कंपनी उपभोक्ताओं को आर्थिक क्षतिपूर्ति देगी। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए समय-सीमा 20 घंटे रखी गई है। जुलाई से मार्च तक शहरी क्षेत्र में छह घंटे, नगरीय क्षेत्र में 15 और ग्रामीण क्षेत्र में 20 घंटे समय तय किया है।
राज्य विद्युत नियामक आयोग के सचिव एसपी शुक्ला ने बताया कि इस व्यवस्था से बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली में सुधार होगा। साथ ही उपभोक्ताओं के प्रति उनकी जवाबदेही बढ़ेगी। नया नियम उपभोक्ताओं को संपूर्ण अधिकार दे रहा है।
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