गौरतलब है कि नए बिजली कनेक्शन, मीटर में आने वाली खराबी को दूर करने, मीटर रीडिंग, लोड बढ़ाने और बिलिंग संबंधी सभी शिकायतों के निराकरण का समय तय कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक विद्युत अधिनियम 2003 के मुताबिक उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त और बिना कटौती के विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। इसका पालन करने वाले लिए आयोग को मापदंड तय करने का जिम्मा सौंपा गया। इलेक्ट्रिसिटी सरप्लस राज्य में कटौती रहित बिजली मुहैया करवाई जाए, इसके लिए विद्युत नियामक आयोग (विद्युत वितरण निष्पादन के लिए मानक) विनियम 2020 लागू किया गया है।
शहरों में इस प्रकार रहेगी व्यवस्था 10 लाख या उससे अधिक जनसंख्या वाले शहर में अप्रैल से जून तक किसी भी माह में 10 घंटे से अधिक बिजली बंद होने की स्थिति में कंपनी उपभोक्ताओं को आर्थिक क्षतिपूर्ति देगी। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए समय-सीमा 20 घंटे रखी गई है। जुलाई से मार्च तक शहरी क्षेत्र में छह घंटे, नगरीय क्षेत्र में 15 और ग्रामीण क्षेत्र में 20 घंटे समय तय किया है।
राज्य विद्युत नियामक आयोग के सचिव एसपी शुक्ला ने बताया कि इस व्यवस्था से बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली में सुधार होगा। साथ ही उपभोक्ताओं के प्रति उनकी जवाबदेही बढ़ेगी। नया नियम उपभोक्ताओं को संपूर्ण अधिकार दे रहा है।