रायपुर

बिजली बिल अदा नहीं किया तो बत्ती गुल कर देगा स्मार्ट मीटर

इलेक्ट्रॉनिक मीटर की जगह प्रदेशभर में लगेंगे स्मार्ट मीटर, केंद्र सरकार के निर्देश पर देशभर में लगे इलेक्ट्रानिक मीटरों को बदलने का पहला चरण शुरू हो चुका है।

रायपुरDec 14, 2019 / 12:22 am

Nikesh Kumar Dewangan

बिजली बिल अदा नहीं किया तो बत्ती गुल कर देगा स्मार्ट मीटर

रायपुर. बिजली बिल के भुगतान में उपभोक्ताओं को जरा भी मोहलत नहीं मिलने वाली। आखिरी तारीख तक अगर आपने बिल का भुगतान नहीं किया है तो ऑटोमेटिक आपके घर की बत्ती गुल हो जाएगी। जैसे ही आप भुगतान करेंगे दोबारा से बिजली बहाल हो जाएगी।
केंद्र सरकार के निर्देश पर देशभर में लगे इलेक्ट्रानिक मीटरों को बदलने का पहला चरण शुरू हो चुका है। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और राजनांदगांव जिले से इसकी शुरुआत होनी जा रही है, निविदा प्रक्रिया हो चुकी है। नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता हटते ही निविदा खुलेगी, वर्कआर्डर जारी हो जाएंगे। दोनों जिले में अपैक्स मोड, जबकि इसके बाद अंबिकापुर और कोरबा जिले में ओपैक्स मोड सिस्टम से मीटर बदले जाएंगे।
बिजली की बचत करने और बिजली कंपनी को वित्तीय स्थिति में सुधारने के लिए स्मार्ट मीटर का कांसेप्ट आया है। गौरतलब है कि इस बदलाव से न सिर्फ उपभोक्ताओं को फायदा होगा,बल्कि बिजली कंपनी भी अपने करोड़ों रुपए बचा पाएगी। जानकारी के मुताबिक साल 2022 तक हर एक घर के मीटर बदलने हैं। प्रदेश में उपभोक्ताओं की संख्या ५६ लाख के करीब है, सूत्रों के मुताबिक इसलिए यह लक्ष्य थोड़ा दूर दिखाई देता है। वर्कऑर्डर जारी होते-होते ही 2020 शुरू हो जाएगा।
ऐसे काम करेगा सिस्टम
बिजली कंपनी के इंजीनियरों के मुताबिक सभी स्मार्ट मीटर में एक चिप लगी होगी, जो कंपनी के सर्वर सिस्टम से लिंकअप होगी। मीटर में होने वाली छेड़छाड़ की जानकारी तुरंत सर्वर रूम तक पहुंच जाएगी। बिल भुगतान न होने की स्थिति में ऑटोमेटिक ही बिजली कनेक्शन डिसकनेक्ट (सप्लाई बंद) हो जाएगा।
अभी पोस्ट पैड व्यवस्था
आप प्री-पैड, पोस्ट पैड दो तरह की सिम सर्विस का इस्तेमाल करते हैं। स्मार्ट मीटर का शुरुआती सिस्टम पोस्ट पैड ही होगा, यानी आप बिजली का इस्तेमाल करें और जो खपत होगी उसके आधार पर बिल आएगा।
अपैक्स, ओपैक्स सिस्टम
अपैक्स सिस्टम के तहत बिजली कंपनी ही सभी मीटर को बदलेगी,पूरा खर्च कंपनी उठाएगी। जबकि ओपेक्स सिस्टम में कंपनी ठेका पद्धति पर काम करवाएगी।
कंपनी के बचेंगे 2.50 करोड़ रुपए
बिजली कंपनी ठेके पद्धति के जरिए घरों-घर मीटर की रीडिंग करवाती है। एक घर की रीडिंग के एवज में ठेकेदार को बिजली कंपनी कंपनी पांच रुपए का भुगतान करती है। जिसमें ३.७५ रुपए रीडिंगकर्ता, 1.25 रुपए ठेकेदार का हिस्सा होता है। इस व्यवस्था से कंपनी को महीने में 2.50 करोड़ रुपए खर्च उठाना पड़ता है।
जानें, आखिर क्यों पड़ रही इलेक्ट्रॉनिक मीटर को बदलने की जरुरत
बिजली बिल अदा न करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ता समय पर बिल अदा करने के लिए बाध्य होंगे।
बिजली शिकायत केंद्रों में हजारों शिकायतें हर महीने दर्ज होती हैं कि रीडिंगकर्ता ने गलत रीडिंग दशाई, जिससे बिजली बिल ज्यादा आया। नए सिस्टम से यह झंझट खत्म हो जाएगी।
अभी भी शतप्रतिशत उपभोक्ताओं मीटर घरों के अंदर ही लगे हैं। घर में ताला लगे होने की स्थिति में रीडिंग नहीं होती, औसत बिल आ जाता है।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी के अध्यक्ष शैलेंद्र शुक्ला ने बताया कि निविदा प्रक्रिया कर की जा चुकी है, आचार संहिता के बाद निविदा खोली जानी है। तीन साल के अंदर प्रदेश के सभी शहरों में स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश केंद्र से प्राप्त हुए हैं।
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