scriptबच्चे को मोबाइल की लत है तो सुधार लीजिए! वरना इस महिला की तरह बेटे को खो देंगे | If the mother rebuked then angry son took the hanging | Patrika News

बच्चे को मोबाइल की लत है तो सुधार लीजिए! वरना इस महिला की तरह बेटे को खो देंगे

locationरायपुरPublished: Sep 16, 2017 12:23:21 pm

महिला ने अपने बेटे को मोबाइल बंद करके पढ़ने के लिए बोला तो बेटे को इतना ज्यादा गु्स्सा आ गई कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

mobile phone addiction

mobilephone addiction

बिलासपुर. हम अक्सर बच्चों को चुप कराने के लिए या उनसे पीछा छुड़ाने के लिए उनके हाथ में मोबाइल थमा देते हैं। ये आदत उनमें ऐसे घर करती है कि वे उसके आदि हो जाते हैं। फिर वो मोबाइल कई बार बहुत जानलेवा हो जाता है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक ऐसी ही घटना सामने आई है। जिसने हम सबको सोचने पर विवश कर दिया है। दरअसल सीपत सीआईएसएफ फैमिली कॉलोनी की रहने वाली महिला ने अपने बेटे को मोबाइल बंद करके पढ़ने के लिए बोला तो बेटे को इतना ज्यादा गु्स्सा आ गई कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना शुक्रवार शाम सीपत थानांतर्गत ग्राम जांजी स्थित सीआईएसएफ फैमिली कॉलोनी में हुई। पुलिस मर्ग कायम कर जांच कर रही है।
Murderous mobile
सीपत पुलिस के अनुसार, सीआईएसएफ फैमिली कॉलोनी जांजी निवासी संध्या पति स्व. सुरेश धु्रव सीआईएसएफ में आरक्षक हैं। उनका बड़ा बेटा सोमेश (17) कक्षा 9 वीं का छात्र था। वह पढ़ाई में कमजोर था। शुक्रवार शाम करीब साढ़े ४ बजे वह मोबाइल के फंगशन देख रहा था। तभी संध्या ने उसे पढ़ाई करने की ताकीद करते हुए डपट लगाई। इसके बाद सोमेश अपने कमरे में चला गया। वहीं संध्या अपने कमरे में आराम करने चली गई। इसी बीच सोमेश ने अपने कमरे मेंफांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। एक घंटे के बाद संध्या उसके कमरे में गई तो फांसी के फंदे पर सोमेश की लाश लटकती मिली। सूचना मिलने पर सीपत पुलिस ने शव को फंदे से नीचे उतारा और मच्र्युरी भेजा। मर्ग कायम कर पुलिस जांच की जा रही है।
Murderous mobile
बच्चों के लिए जानलेवा है मोबाइल

सैलफोन का इस्तेमाल बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सैलफोन ब्रेन कैंसर का कारण हो सकते हैं। हालांकि कुछ वर्षो से दुनियाभर में सैलफोन और मोबाइल रेडियेशन से कैंसर का खतरा बहस का मुद्दा बना हुआ है, जहां एक तरफ विशेषज्ञ मोबाइल रेडियेशन को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानते हैं वहीं दूसरी ओर मोबाइल कंपनियों का दावा है कि सैलफोन या मोबाइल रेडियेशन से स्वास्थ्य को लेकर कोई खतरा नहीं है। लेकिन हाल ही में बाल्टिमोर मे हुए शिशु रोग विशेषज्ञों के सम्मेलन में इसको लेकर हुए शोधों के निष्कर्षो को रखा गया जिसमें सामने आया है कि सैलफोन का इस्तेमाल बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। रिसर्च में पैरेंट्स और गर्भवती महिलाओं को सैलफोन के इस्तेमाल को लेकर अधिक सजग रहने की हिदायत दी गई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो