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रायपुर

नाबालिग से दुष्कर्म का केस पीडि़ता की मां ने वापस नहीं लिया तो पिता ने कर दी …

दुर्ग जिलेे के खुर्सीपार थाने का मामला : पारिवारिक सदस्य ने 10 वर्ष की मासूम से किया था रेप
जज का निर्देश -एसपी सुरक्षा, कलेक्टर स्कूल में एडमिशन व छात्रवृत्ति दें, विधिक सेवा- एक लाख देकर देख-रेख करें

रायपुरOct 24, 2019 / 09:15 pm

ramendra singh

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नाबालिग से दुष्कर्म का केस पीडि़ता की मां ने वापस नहीं लिया तो पिता ने कर दी …,नाबालिग से दुष्कर्म का केस पीडि़ता की मां ने वापस नहीं लिया तो पिता ने कर दी …

रायपुर .

दो दिन पहले दुर्ग जिले के विशेष अदालत में उस समय सन्नाटा पसर गया जब 11 वर्ष की दुष्कर्म पीडि़ता ने बताया कि आरोपी के जमानत आवेदन का विरोध करने वाली उसकी मां की हत्या हो चुकी है। इसी साल 29 सितंबर को तकिये से पहले मां का मुंह दबाया गया, फिर कपड़े से रस्सी बनाकर उसका गला घोट दिया गया। पीडि़ता ने भरी अदालत में कहा कि मेरी की मां की हत्या मेरे पिता ने किया है और हत्या की घटना की प्रत्यक्षदर्शी है। अब उसके आगे-पीछे कोई नहीं है। मासूम के इस बयान के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने नाबालिग और उसके दो भाई-बहनों की जिम्मेदारी प्रशासन को देते हुए पत्र लिखा है। दरअसल पीडि़ता की मां सितंबर में अपनी बेटी के साथ न्यायालय पहुंची और दुष्कर्म करने वाले आरोपी के जमानत आवेदन का विरोध किया था। बता दें कि दुष्कर्म की शिकायत पर इस मामले में खुर्सीपार पुलिस ने 2018 में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और अभियोग पत्र फास्ट ट्रैक कोर्ट में प्रस्तुत किया। प्रकरण के अनुसार, आरोपी और पीडि़ता के बीच चाचा-भतीजी का रिश्ता है। घटना के समय पीडि़ता घर में अकेली थी और आरोपी ने इसका फायदा उठाया था।

केस वापस लेने का था दबाव
साथ ही पीडि़ता की मां ने न्यायालय में बयान दर्ज कराया था कि प्रकरण को वापस लेने के लिए उस पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। आरोपी पारिवारिक सदस्य है और ससुराल वाले प्रकरण को वापस नहीं लेने की वजह से नाराज थे। इस बयान के आधार पर ही न्यायालय ने आरोपी के जमानत आवेदन को निरस्त कर दिया। इसके कुछ दिनों बाद ही पीडि़ता की मां की हत्या हो गई। हत्या पीडि़ता के पिता ने की।

पिता ने रायपुर में की थी मां की हत्या

पीडि़ता ने बताया कि मेरी मां की हत्या मेरे पिता ने रायपुर में की थी। हत्या के मामले में सरस्वती नगर थाने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था। पीडि़ता ने बताया कि इस घटना के बाद वह स्वयं अपने दो भाई-बहन के साथ नाना-नानी के पास रह रही हैं। नाना-नानी भीख मांगकर जीवन-यापन करते हैं। अब न तो वह और न ही उसके भाई-बहन स्कूल जाते हैं। उनके आगे-पीछे कोई नही है।

न्यायालय ने इन्हें दी जिम्मेदारी

कलेक्टर : दुष्कर्म पीडि़ता नाबालिग और उसके भाई-बहन को किसी अच्छे निजी स्कूल में दाखिल कराया जाए। साथ ही उसके आवास व भोजन की व्यवस्था नि:शुल्क किया जाए। पीडि़ता व उसके भाई-बहन को हर माह छात्रवृत्ति दी जाए ताकि जीवनयापन में आर्थिक परेशानी न आए।
एसपी : दुष्कर्म पीडि़ता व उसके भाई-बहनों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस की है। पुलिस सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करे। रहन-सहन में किसी तरह की परेशानी न आए। साथ ही सुरक्षा में किसी तरह की चूक न हो।
जिला विधिक सेवा प्राधिकर : चूंकि पीडि़ता अपने नाना नानी पर आश्रित है। उनकी माली हालत ठीक नहीं है। वे भिक्षावृत्ति करते हैं। इसलिए पीडि़ता को तत्काल प्रवधान के अनुरूप 1 लाख की सहायता दिलाई जाए। साथ ही समय-समय पर बच्चों की रहन-सहन की मॉनीटरिंग करें।
कोर्ट के आदेेश पालन होगा
आरोपी के जमानत आवेदन का विरोध करने पर नाबालिग की मां की हत्या हुई है। वह हत्या जैसे गंभीर प्रकरण की प्रत्यक्षदर्शी गवाह है। इसलिए उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन पर है। न्यायाधीश ने आदेश के मुताबिक स्थानीय अधिकारी संबंधित जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक को पत्र के माध्यम से आदेश का पालन कराने सुनिश्चित करेंगे।
कमल वर्मा, अतिरिक्त लोक अभियोजक

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