15 हजार प्रति माह में बॉडी बनाने का विज्ञापन पत्रिका ने एक जिम संचालक से बात की तो उन्होंने बताया कि शहर के जिम में युवाओं को लुभाने के लिए अलग-अलग तरह के विज्ञापन का उपयोग किया जाता है। कुछ जिम संचालक अपने मासिक किराए के साथ प्रति माह उपयोग किए जाने वाले प्रोटीन पाउडर भी देने का वादा करते है। युवा भी उसी जिम की ओर आकर्षित हो जाते हैं।
आज तक नहीं लिया सैंपल पत्रिका को मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी में लंबे समय से प्रोटीन ब्रांड का नकली प्रोटीन पाउडर सप्लाई की जा रही है। प्रशासन की लापरवाही इस कदर है कि एक भी प्रोटीन पाउडर की सैंपलिंग नहीं हुई है। तकरीबन दो साल पहले शहर के एक मॉल में खाद्य विभाग ने छापा मारकर एक्सपायरी डेट की प्रोटीन पाउडर जब्त किया था। इसके बाद भी बिक्रेता पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
3 से 8 हजार कीमत के प्रोटीन 3 से 8 हजार तक के प्रोटीन पाउडर बाजार में आते हैं। वे प्रोटीन खिलाड़ी और जिम में एक्सरसाइज करने वाले युवा ज्यादा उपयोग करते हैं। इसके उपयोग से मसल्स को रिलेक्स मिलता है।
78 प्रतिशत शहरी युवा कर रहे सेवन – ऐसोचैम के एक सर्वे के मुताबिक 78 फीसदी शहरी युवाओं के द्वारा डायट्री सप्लीमेंट का सेवन किया जा रहा है।- 47 फीसदी ने कहा कि वे प्रोटीन पाउडर का प्रयोग करते हैं। 85 फीसदी जिम के कोच व ट्रेनर उन्हें सप्लीमेंट्स की सलाह देते हैं।असली प्रोडक्ट में कम फायदा विभिन्न कंपनियों के प्रोटीन पाउडर राजधानी में कई व्यायामशालाओं में बेचे जा रहे हैं। इनमें से कई जिम चालकों को पाउडर बेचने की अनुमति नहीं है।
नकली प्रोटीन पाउडर की बिक्री अवैध कारोबार के दौरान कुछ जिम, दुकानों और यहां तक कि ऑनलाइन कंपनियों द्वारा भी बेची जा रही है। ब्रांडेड पाउडर ज्यादा कम बचत होता है। इसके कारण कुछ जिम में नकली कंपनी पाउडर उपलब्ध होने लगे हैं।
आठ गुना बढ़ा व्यापार तीन साल पहले शहर में प्रोटीन पाउडर का कारोबार लगभग प’चीसलाख लाख था। लेकिन आज यह दो करोड़ से अधिक हो गया है। इसमें से अधिक टर्नओवर ऑनलाइन खरीदने से आता है। कुछ अवयवों वाले पाउडर को दवा की दुकान से ही बेचा जाना चाहिए। लेकिन कुछ व्यवसाय गलती से इसे सीधे उपभोक्ताओं को बेच देते हैं। इसके लिए भुगतान एक खुदरा दवा की दुकान के नाम से उछाला जाता है, लेकिन गलत तरीके से दिखाया जाता है।
वर्जन आहार विशेषज्ञ या चिकित्सक की सलाह से प्रोटीन पाउडर की आवश्यकता का निर्धारण करना चाहिए। पाउडर बेचने वालों को नगर निगम और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के लाइसेंस लेना जरुरी है। सभी जिलों में जांच और कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं।
– राजेश शुक्ला, सहायक नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग