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बायोमेडिकल वेस्ट उठाने वाली कंपनी ने 30 फीसदी बढ़ाया रेट, IMA बोला- पुराने दर से 1 रुपए नहीं देंगे ज्यादा

locationरायपुरPublished: Jun 24, 2021 07:48:31 pm

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CG Desk

– 4 सालों से निर्धारित दर में नहीं हुई वृद्धि, पुराने रेट पर कर रहे काम .

medical waste

medical waste (file Photo)

रायपुर . राजधानी समेत दुर्ग, महासमुंद, राजनांदगांव, धमतरी, बलौदाबाजार, बेमेतरा, कवर्धा, बालोद और गरियाबंद के शासकीय व निजी अस्पतालों, क्लीनिकों, पैथोलॉजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटरों से बायोमेडिकल वेस्ट उठाने वाली निजी कंपनी ने मेडिकल वेस्ट निस्तारण की दरों में अचानक 30 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने इसका विरोध किया है।
आईएमए के पदाधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से रेट का निर्धारण किया जाता है। कंपनी ने स्वास्थ्य विभाग और आईएमए को विश्वास में लिए बिना मनमाने ढंग से दर में वृद्धि की है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की तरफ से जब तक नई दर निर्धारित नही किया जाता, वह पुरानी दर से एक रुपए भी ज्यादा नहीं देंगे।
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गौरतलब है कि शासन ने मेडिकल वेस्ट उठाने और निस्तारण की जिम्मेदारी एसएमएस वॉटरग्रेस इनवायरोप्रोटेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को दी है। बायोमेडिकल वेस्ट की निस्तारण दरें 2018-19 से निर्धारित नही की गई है। कंपनी के प्रबंधन का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को दर में वृद्धि के लिए कई बार पत्र लिखकर अवगत करा जा चुका है। आईएमए के साथ भी कई बार बैठक हो चुकी है फिरभी पुराने रेट पर ही काम किया जा रहा था, जो अब संभव नही है।
महंगाई बढ़ी इसलिए दर बढ़ाना तर्कसंगत
मेडिकल वेस्ट निस्तारण करने वाली कंपनी के यूनिट हेड मलयसेन गुप्ता का कहना है कि 4 सालों में दरों में वृद्धि नही की गई है, जबकि महंगाई आसमान छू रही है। कंपनी 2017 से पुरानी दर ही काम कर रही है, जबकि डीजल, पेट्रोल, पानी एवं कर्मचारियों के वेतन व अन्य सामानों की दरों में लगातार वृद्धि हो रही है। 2018 में डीजल का मूल्य 64.38 रुपए प्रति लीटर था, जो वर्तमान समय में 92.68 रुपए प्रति लीटर हो गया है। ऐसी स्थिति में प्रतिवर्ष 10 फीसदी के हिसाब से 30 प्रतिशत वृद्धि तर्कसंगत है। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव और सीएमएचओ को पत्र के माध्यम से नई दरों की जानकारी देकर मंजूरी देने का आग्रह किया गया है। नई दरों की जानकारी सभी शासकीय व निजी अस्पताल संचालकों को भी दी गई है, लेकिन शासन द्वारा निर्णय नही लेने की वजह से कोई राशि का भुगतान नही कर रहा है।
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शासन और आईएमए को विश्वास में नही लिया
आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ. विकास अग्रवाल का कहना है कि कंपनी ने एकसाथ करीब ३५ फीसदी दर बढ़ाया है, जिससे अस्पताल संचालकों पर अचानक काफी लोड बढ़ गया है। शासन ने बीते साल कंपनी को पुराने दर पर ही मेडिकल वेस्ट निस्तारण के निर्देश दिए थे, फिर भी मनमानी किया जा रहा है। कंपनी ने शासन और आईएमए को बिना विश्वास में लिए एकमुश्त राशि बढ़ाई है, जो न्यायसंगत नही है। शासन की तरफ से जब तक नए रेट का निर्धारण नही किया जाता, पुरानी दर पर ही भुगतान किया जाएगा। शासन ने कंपनी को यहां पर काम करने की मंजूरी दी है, इसलिए दर बढ़ाने से पहले इसकी जानकारी दी जानी चाहिए थी। कोविड काल में बहुत से अस्पताल व क्लीनिक बंद थे, फिर भी कंपनी का भुगतान किया गया है।
बायोमेडिकल वेस्ट उठाने वाली कंपनी ने दर बढ़ाने की जानकारी दी है। नए रेट निर्धारण के लिए जल्द ही कंपनी और आईएमए के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई जाएगी। सर्वसम्मति से नए रेट का निर्धारण किया जाएगा।
– डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर
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