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आधे अधूरे सिस्टम से शुरू हुई योजना
रविवार तक राजधानी की 80 फीसदी दुकानों में मशीनें इंस्टॉल कर दी गई हैं। लेकिन अभी भी पूरी तरह से खाद्यान्न की चोरी रोक पाने के लिए पूरी तरह से प्रक्रिया नहीं की गई है। अभी तक राशन दुकानों में सिर्फ ई-पॉस मशीन ही दी गई है। अभी तक तौल मशीन नहीं दी गई है। जबकि पूरा वितरण ई-पॉश मशीन और तौल मशीन को ब्लू टूथ से जोडऩा है।
मुफ्त का चावल का निकल रहा है बिल
राज्य व केद्र सरकार द्वारा मुफ्त चावल देने की घोषणा की गई है, लेकिन ई-पॉस मशीन से प्रति कार्डधारी का 1 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिल मशीन जनरेट कर रही है। इसके अलावा पांच किलो केंद्र सरकार से मुफ्त मिलने वाला चावल ऑनलाइन वितरण में दिखाई नहीं दे रहा है।
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ई-पॉश मशीन की बैट्री कमजोर
दुकानों की जांच में बात सामने आई है कि ई-पॉश मशीन की बैटरी एक घंटे भी नहीं चल पा रही है। जबकि वितरण 6 से 7 घंटे लगातार किया जाना है। इसके अलावा अभी तक सभी कार्डधारियों का कार्ड नंबर भी अपडेट नहीं किया गया है। जिससे बिना वितरण के ही लौटना पड़ रहा है।
इस तरह कम दिख रहा चावल
कार्ड क्रमांक 223875847846 में सदस्यों की संख्या 4 है। जिसमें 35 किलो चावल मिलना चाहिए, लेकिन मशीन में सिर्फ 20 किला चावल ही दिखाई दे रहा है। इसी तरह कार्ड क्रमांक 223879506491 में चार सदस्य होने के बाद भी सिर्फ 20 किलो चावल शो हो रहा है।
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प्रभारी खाद्य नियंत्रक संजय दुबे ने कहा, वितरण अभी टेबलेट से ही किया जा रहा है। ई-पॉस ट्रायल पर चावल कम दिख रहा है और भी कई खामियां है। सॉफ्ट वेयर अपडेशन के लिए हैदराबाद भेजा गया है। जल्द ही सब सुधर जाएगा।