छत्तीसगढ़ में शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है। 2021 में यह प्रति हजार 40 थी, जो अब 38 पर आ गई है। 2017 में भी यही स्थिति थी। इसके बाद 2018 में आंकड़ा प्रति हजार 41 पर आ गया है। जब राज्य बना तब यहां शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 58 थी। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के बाद शिशु मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। ताजा आंकड़ा केंद्र सरकार के सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम ने जारी किया है। प्रदेश में संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी, हर जिला अस्पतालों में नियॉनेटल विभाग के कारण शिशुओं की जान बचाने में मदद मिली है। दो साल पहले शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 46 थी, अब इस में गिरावट आने से स्वास्थ विभाग को भी बड़ी राहत मिली है।
मृत्यु दर में आई है कमी केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 की तुलना में साल 2020 में छत्तीसगढ़ में नवजात मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर में बड़ी कमी आई है। आंकड़े 2020 तक के जारी किए गए हैं। इससे साफ है कि कोरोना काल में भी सुरक्षित संस्थागत प्रसव प्रदेश में कराया गया।
सरकार द्वारा ये किए जा रहे प्रयास संस्थागत प्रसव बढ़ाने की ओर किए जा रहे प्रयासों के साथ साथ -राज्य सरकार द्वारा शिशुओं की मृत्यु दर को शीघ्रातिशीघ्र न्यूनतम करने हेतु भी वृहद् प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के 5 मेडिकल कालेज, 21 जिला अस्पतालों में सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट की स्थापना की गई है जिनकी नियमित मॉनिटङ्क्षरग विशेषज्ञों द्वारा की जाती है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रदेश में उच्च जोखिम वाली सभी गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रणनीति बनायी गई है। पोषण आहर के साथ, मुहल्ला क्लीनिक जैसी योजनाएं शुरू की गई है। ताकि प्रदेश की हर माता और शिशु दोनों स्वस्थ रहें।
पांच राज्य जहां सबसे ज्यादा शिशु मृत्यु दर
राज्य 2020 2019 2018 2017
मध्यप्रदेश 43 46 48 47
उत्तरप्रदेश 38 41 43 41
छत्तीसगढ़ 38 40 41 38
असम 36 40 41 44
ओडिशा 36 38 40 41
सोर्स: आंकड़े सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक