रायपुरPublished: Aug 03, 2020 12:01:09 am
Anupam Rajvaidya
छत्तीसगढ़ सरकार तुरतुरिया को बनाएगी इको टूरिज्म स्पॉट
शबरी की तपोभूमि शिवरीनारायण को भी संवार रही है कांग्रेस सरकार
भगवान राम का वनगमन पथ छत्तीसगढ़ के नए टूरिज्म सर्किट में
अयोध्या के राजा राम के बेटे लव कुश की जन्मस्थली छत्तीसगढ़ में
कांग्रेस विधायक का बड़ा बयान, गांधी परिवार है लोकतांत्रिक वंशवाद का उदाहरण
तुरतुरिया में वाल्मीकि आश्रम तथा उसके आसपास का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। यह बारनवापारा अभयारण्य से लगा हुआ है। यहां बालमदेही नदी और नारायणपुर के निकट बहने वाली महानदी पर वाटर फ्रंट डेवलपमेंट किया जाएगा। इन स्थानों पर कॉटेज भी बनाए जाएंगे। तुरतुरिया के ही निकट स्थित एक हजार साल पुराने शिव मंदिर को भी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। भगवान राम ने अपने वनवासकाल के दौरान कुछ समय तुरतुरिया के जंगल में भी बिताए थे। ऐसी भी मान्यता है कि लव-कुश का जन्म इसी आश्रम में हुआ था। तुरतुरिया को इको टुरिज्म स्पाट के रूप में विकसित करने की योजना है।
ये भी पढ़ें…[typography_font:14pt;” >रायपुर. छत्तीसगढ़ में न केवल प्रभु राम की माता कौशल्या का जन्म हुआ, रामायण के माध्यम से रामकथा को दुनिया के सामने लाने वाले महर्षि वाल्मीकि ने भी इसी भूमि पर आश्रम का निर्माण कर साधना की। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कौशल्या के जन्मस्थल रायपुर के चंदखुरी की तरह बलौदाबाजार जिले के तुरतुरिया के वाल्मीकि आश्रम को भी पर्यटनतीर्थ के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। रामकथा से संबंधित एक और महत्वपूर्ण स्थल शिवरीनारायण के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। शिवरीनारायण वही स्थान है जहां माता शबरी ने प्रभु राम को जूठे बेर खिलाए थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी राम वनगमन पथ परियोजना के पहले चरण में 9 स्थानों को विकास और सौंदर्यीकरण के लिए चिन्हित किया गया है।
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