गौरतलब है कि 21 मार्च को प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों, आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा स्कूलों में सिकलसेल जांच लगातार 6 घंटे तक किया गया। संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रानू साहू ने बताया कि रायपुर जिले में करीब 37690 गर्भवती माताओं व बच्चों की जांच की गई जिसमें 3063 सिकलसेल के मरीज मिले। ये संख्या बहुत ज्यादा है।
READ MORE: रायपुर के सीनियर रंगकर्मी बोले, अवार्ड के लिए अप्लाई करना मेरे मिजाज में नहीं, थियेटर से इतना कमाया नहीं कि घर खरीद सकूं एएस सिकलसेल में नहीं होती तकलीफ : चिकित्सकों ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि सिकलसेल गुण जिसे एएस कहते हैं, यह कोई रोग नहीं है। इसमें व्यक्ति को कोई शारीरिक कष्ट नहीं होता और न ही उसे किसी इलाज की आवश्यकता होती है, लेकिन माता-पिता दोनों में यह गुण होने से उनके बच्चे को सिकलसेल गुण होने की संभावना हो सकती है। अगली पीढ़ी में इसके प्रसार को रोकने के लिए विवाह पूर्व जांच करा लेना चाहिए।
सिकलसेल की जिलेवार जांच रिपोर्ट
बलौदाबाजार में 4 230, कोरबा में 3137, जांजगीर में 2 313, रायगढ़ में 1025, बिलासपुर में 1784, राजनांदगांव में 2251, रायपुर में 3063, महासमुंद में 2327, धमतरी में 2 520, दुर्ग में 1510, कांकेर में 1633, गरियाबंद में 2499, बस्तर में 1 856, कोंडागांव में 1308, बालोद में 1348, जशपुर में 185, सरगुजा में 517, बलरामपुर में 653, सूरजपुर में 570, कवर्धा में 830, मुंगेली में 771, बेमेतरा में 877, कोरिया में 685, दंतेवाड़ा में 705, सुकमा में 345, बीजापुर में 310 तथा नारायणपुर में 272 सिकलसेल के मरीज मिले है। कुल 39,524 सिकलसेल के मरीज मिले हैं।
बलौदाबाजार में 4 230, कोरबा में 3137, जांजगीर में 2 313, रायगढ़ में 1025, बिलासपुर में 1784, राजनांदगांव में 2251, रायपुर में 3063, महासमुंद में 2327, धमतरी में 2 520, दुर्ग में 1510, कांकेर में 1633, गरियाबंद में 2499, बस्तर में 1 856, कोंडागांव में 1308, बालोद में 1348, जशपुर में 185, सरगुजा में 517, बलरामपुर में 653, सूरजपुर में 570, कवर्धा में 830, मुंगेली में 771, बेमेतरा में 877, कोरिया में 685, दंतेवाड़ा में 705, सुकमा में 345, बीजापुर में 310 तथा नारायणपुर में 272 सिकलसेल के मरीज मिले है। कुल 39,524 सिकलसेल के मरीज मिले हैं।
READ MORE: बड़ा खुलासा: ब्लैकलिस्टेड इन कंपनियों से कैंसर की दवाएं खरीद रहा है CGMSC अब तक की जांच रिर्पोट के अनुसार बलौदाबाजार में सिकलसेल के सबसे ज्यादा मरीज पाये गये है। पर प्रदेश भर में इनकी संख्याा काफी बढ़ चूकी है। सरकार द्वारा अभी तक इससे निजात पाने का कोई भी रास्ता नही ढंूढा गया है।