scriptएक तरफ दुनिया मना रहा मदर्स डे और यहाँ इस आदमी ने घर से निकाल दिया अपाहिज माँ को… | IN hot summer son left his mother on footpath | Patrika News

एक तरफ दुनिया मना रहा मदर्स डे और यहाँ इस आदमी ने घर से निकाल दिया अपाहिज माँ को…

locationरायपुरPublished: May 12, 2019 06:28:27 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

* जिसकी उंगली पकडक़र खुद चलना सीखे अब जब उसी बूढ़ी मां को सहारे की जरूरत है तो पांच बच्चों के दस हाथों की 5 उंगलियों में से एक भी आगे नहीं बढ़ रही हैं। पांच बच्चों की मां अहिल्या जांगड़े जिसमे 4 बेटियां 1 बेटा है, चार दिन पहले घर से इसलिए निकल दिया गया कि अब वो बिना सहारे को कोई काम नहीं कर पातीं ।

maa

एक तरफ दुनिया मना रहा मदर्स डे और यहाँ इस आदमी ने घर से निकाल दिया अपाहिज माँ को…

रायपुर। सारी दुनिया जब मां के सम्मान में जब कसीदे पढ़ रही है तब एक मां की आँखे अपनी उस औलाद को ढूंढ रही है जिसने उसे तपती गर्मी में यूं बेसहारा छोड़ दिया है। दरअसल राजधानी में कई दिनों से 85 साल की एक बूढ़ी मां, जिसे अपने ही बच्चों ने बुढ़ापे में अपनाने से इनंकार कर दिया।
मां नौ महीने तक अपनी औलाद को अपने खून से सींचती है उसके हिस्से का दर्द तकलीफ सब कुछ हँसते- हँसते सह जाती है। अपनी औलाद पर ज़रा सी खरोच भी उसकी आँखों को नम कर देती है।इंसान क्या जानवर भी कभी अपनी मां को किसी तकलीफ में नहीं देख सकता लेकिन आज मां की ममता पर लोगों का स्वार्थ इस कदर भारी पड़ने लगा है की लोग अपनी ही मां को बोझ समझने लगे हैं वो भूल गए हैं की जिस मां को वो बोझ समझ रहे हैं उनका वजूद उस मां की वजह से है।
यह भी पढ़ें

नक्सलियों की आर्थिक स्थिति खराब, 50 करोड़ वसूलने का बनाया ऐसा प्लान

यह भी पढ़ें

अब मामा जी के बाद जुमलाना जी को भी सबक सिखाने का मूड बना चुकी है जनता – भूपेश बघेल

“लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती,बस एक मां है जो कभी खफा नहीं होती” मशहूर शायर मुनव्वर राना का यह शेर ही काफी है मां के मायने समझाने के लिए लेकिन आज लोग उस मां को भी बोझ समझ कर सड़क पर छोड़ देते हैं और इसी का जीता-जागता उदाहरण है राजधानी में कई दिनों से 85 साल की एक बूढ़ी मां, जिसे अपने ही बच्चों ने बुढ़ापे में अपनाने से इनंकार कर दिया है। मां ने जिन बच्चो को जन्म दिया पालन पोषण किया आज उन्ही बच्चो ने मां की देखरेख के समय बोझ समझ कर घर के बाहर फुटपाथ पर फेक दिया।
mother

45 डिग्री तापमान में पड़ी रही सडक़ पर

अहिल्या जांगड़े 85 वर्षीय वृद्ध महिला एक पैर से अपाहिज हैं वो बिना लकड़ी या वॉकर के सहारे चल नही सकती। पुरे एक दिन वह 45 डिग्री तापमान में सडक़ पर पड़ी रही । “कुछ फर्ज है” हमारा की टीम को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने महिला का इलाज प्राथमिक उपचार अंबेडकर अस्पताल में कराया।

वृद्धाश्रमों ने भी नहीं दिया साथ

“कुछ फर्ज है हमारा” की टीम ने कई वृद्धाश्रमों में बात करने पर भी उनकी विकलांगता के कारण उन्हे रखने से इंकार कर दिया।टीम ने सखी वन स्टॉप सेंटर से सहायता ली और वहां शरण दिलाई। घर वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। कुछ फर्ज है हमारा की टीम के उर्वशी वैष्णव, मौसमी सिंह, स्मारिका राजपूत व रितेश जालान ने महिला को सुरक्षित सराय तक पहुंचा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो