दूसरी ओर फार्म में कमियों या आपत्ति के कारण हजारों आवेदन निरस्त भी कर दिए जा रहे हैं। समय पर प्रमाण पत्र नहीं मिलने से लोगों को परेशानी हो रही है। कारण यह है कि एक तो लोक सेवा केंद्रों में आवेदन करने के बाद सर्वर स्लो होने से आवेदन करने लोगों को समय लग रहा है तो दूसरी ओर चुनावी काम में भी राजस्व अधिकारियों की ड्यूटी लगने से अधिकारी कार्यालयों में कम ही बैठ रहे थे। उस समय से पेंडेंसी बढ़ती जा रही है।
सर्वाधिक परेशानी पालकों को हो रही है जो अपने बच्चों के लिए आय, जाति, निवास बनवाने के लिए आवेदन किए हैं और तय समय पर प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा। जांच में भी होती है लेटलतीफी: दरअसल, लोग सेंटर में आवेदन कर देते है। इसके बाद जिम्मेदार वेरिफिकेशन में देरी करते है। आवेदनों की जांच में ही 30 दिन से ज्यादा का वक्त लग जाता है। फिर क्लीयरेंस में लेट लतीफी होती है।