जांच के दौरान कुछ कारोबारियों के ठिकानों से नगदी सहित करोडो़ रुपए की ज्वेलरी और बैंक खाते मिले है। इन सभी की जांच करने के साथ ही रसीदों का मिलान किया जा रहा है। बताया जाता है कि बड़े कारोबारी ग्रुप में छापेमारी के लिए एक दिन पहले ही करीब 150 अधिकारियों की टीम बड़े ही गोपनीय रुप से रायपुर पहुंची थी। दबिश देने के पहले वह संबंधित ठिकानों का निरीक्षण करने के बाद छापेमारी की कार्रवाई की।
टैक्स चोरी करने के लिए कारोबारियों द्वारा कच्ची रसीदों को उपयोग किया जाता था। दस्तावेजों की जांच के दौरान भारी संख्या में रसीदे और डायरियां मिली है। लेकिन, इसका उल्लेख रोकड़ बही और बनाए जाने वाले बैलेंस शीट में नहीं किया गया है। वहीं करोडो़ रुपए का लाभ अर्जित करने के बाद भी कारोबार को नुकसान में चलना दिखाया जा रहा था। साथ ही आयकर विभाग में जमा किए जाने वाले रिटर्न भी पिछले कुछ समय से कम जमा किया जा रहा था। उनका टर्नओवर कम होने के बाद भी करोडो़ रुपए के कच्चे माल की खरीदी करने पर आयकर विभाग के निशाने पर आ गए थे।
आयकर विभाग ने सरिया कारोबारी और उनके गु्रप से जुड़े सभी संचालकों को पूछताछ के लिए बुलाया है। बताया जाता है कि ग्रुप के कुछ संचालकों के बाहर होने के कारण उन्हे जल्दी ही उपस्थिति दर्ज कराने की हिदायत दी गई है। आयकर विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि प्राथमिक जांच में मिली गड़बडी़ को देखते हुए कुछ स्थानों पर जांच शुरू की जा सकती है।
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