इसका हिसाब नहीं देने पर बरामद रकम और दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं, इसमें 1 करोड़ 50 लाख रुपए नगद पहले ही बरामद किया जा चुका है। जांच के दौरान कारोबारियों और उनके परिजनों के 8 लॉकर मिले हैं। इसमें 5 रायपुर, 2 कोलकाता और 1 विशाखापट्टनम में मिले हैं। इन सभी को सील कर दिया गया है। उनके 48 ठिकानों पर जांच पूरी करने के बाद टीमें लौट गई है।
स्टॉक का मूल्याकंन
कारोबारियों के ऑलीशान घर, फ्लैट, जमीन और फैक्ट्री में रखे गए स्टॉक का मूल्याकंन किया जा रहा है। साथ ही उनके निवेश, शेयर पेपर और अन्य परिसंपत्तियों को जांच के दायरे में लिया गया है। उनके सभी बैंक खातों में जमा राशि का स्टेटमेंट जुटाया जा रहा है। बताया जाता है कि कोलकाता की फर्जी शेल कंपनियों से कराई गई इंट्री के संबंध में कारोबारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर बयान भी लिया जा रहा है।
स्टील और पॉवर कंपनियों पर टारगेट
आयकर विभाग की टीम स्टील एवं पॉवर कंपनियों द्वारा किए गए लेनदेन को फोकस में रखकर जांच करने में जुटी हुई है। कुछ कमीशन एजेंटों की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए उनके ठिकानों पर भी दबिश दी गई थी। बताया जाता है कि कारोबारी ग्रुप से जुड़े एक संचालक के मेंटल आइस्क्रीम और मिनरल वॉटर के फैक्ट्री के आय-व्यय की हिसाब किया जा रहा है। उनके द्वारा समझौते की पेशकश किए जाने की जानकारी मिली है। इसे देखते हुए टैक्स चोरी की कुल रकम का हिसाब भी किया जा रहा है।
ब्र्रोकर के ठिकानों पर दबिश
कारोबारियों का सामान कमीशन पर बेचने वाले रायपुर के मौदहापारा और गंजपारा स्थित एंजेटों के ठिकानों पर दबिश दी गई थी। तलाशी में उनके ठिकानों पर लेनदेन के दस्तावेज और 50 लाख रुपए नगदी बरामद किया गया था। इसे जांच के बाद जब्त कर लिया गया है। बताया जाता है कि कुछ अन्य ब्रोकरों से किए गए लेनदेन का दस्तावेजों को अन्वेषण विभाग की टीम खंगालने में जुटी हुई है।