रिटर्न की जांच
कारोबारी द्वारा पिछले तीन वर्ष में जमा कराए गए टैक्स की फाइल को खंगाला जा रहा है। बताया जाता है कि रेडीमेड शोरूम के नुकसान में चलने की जानकारी देकर पिछले काफी समय से लगातार टैक्स कम जमा किया जा रहा है। लेकिन, कारोबार और खर्च में लगातार इजाफा किया गया है। उसके आय और खर्च का हिसाब करने के दौरान ही बड़ी गड़बड़ी मिली थी। बताया जाता है कि जांच के दौरान बोगस दस्तावेज मिलने के बाद उसके द्वारा सरेंडर करने की पेशकश की गई थी। लेकिन, आयकर विभाग के अफसरों ने इसे ठुकरा दिया था।
नोटबंदी में रकम खपाई
कारोबारी द्वारा नोटबंदी के दौरान करोड़ो रुपए बैंकों में जमा कराने संबंधी दस्तावेज मिले है। यह सभी रकम कर्मचारियों के नाम पर खाता खोलकर जमा कराए गए थे। 1000 और 500 रुपए के पुराने नोट जमा कराने के बाद किश्तों में रकम भी निकाली गई है। पकड़े जाने के डर से यह राशि निकालने के बाद दूसरों को उधार दिया गया है। इसकी पतासाजी करने के लिए खातेधारकों को भी तलब किया गया है। बताया जाता है कि इसमेें से कुछ कर्मचारी नौकरी छोड़ चुके है। उनकी तलाश करने के लिए बैंको से मोबाइल नंबर और खातेधारक का पता जुटाया जा रहा है। ज्ञात हो कि आयकर विभाग ने 12 नवम्बर को पंडरी के कपडा़ कारोबारी के 10 ठिकानों पर छापा मारा था।
बेनामी संपत्ति की जांच
आयकर विभाग को छापेमारी के दौरान करोड़ो रुपए के चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। यह सभी बेनामी नाम से पिछले एक वर्ष में खरीदे गए है। आयकर अधिकारियों ने आशंका जताई है कि अपनी अघोषित आय छिपाने के लिए इसे कारोबारी द्वारा नकद भुगतान कर खरीदा गया है। इन सभी का वेरिफिकेशन करने के लिए रजिस्ट्री विभाग और नगर निगम से जानकारी मंगवाई जा रही है। साथ ही उसके द्वारा किए गए निवेश को जांच के दायरे में लिया गया है।