Independence Day: दोनों पर्व के दूसरे दिन ऐसे तिरंगे को उठाते हैं और ससम्मान घर ले जाकर एक स्थान पर (15th Augest) रखते हैं..
Independence Day: पिता ने तिरंगा झुकने नहीं दिया, बेटा सम्मान के लिए कर रहा जागरूक
ताबिर हुसैन@रायपुर. (Independence Day) तिरंगा हमारी आन-बान और शान का प्रतीक है। इसका सम्मान करना हर भारतीय (15th Augest) का फर्ज है। देखने में यह आता है कि राष्ट्रीय पर्व के दूसरे दिन तिरंगा (India Flag) यत्र-तत्र पड़ा रहता है। शहर के रिटायर्ड कृषि विस्तार अधिकारी भगवानदास गुहा हर साल दोनों पर्व के दूसरे दिन ऐसे तिरंगे को उठाते हैं और ससम्मान घर ले जाकर एक स्थान पर रखते हैं। वे लोगों को भी तिरंगे के सम्मान के लिए जागरूक कर रहे हैं।
वे कहते हैं कि मेरे पिता मांगीलाल गुहा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी (Freedom fighter fighter) थे। उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान होशंगाबाद के हरदा और घंटाघर चौक पर सन् यूनियन जैक निकालकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया था। जेल जाकर अंग्रेजों की यातनाएं भी सही। लेकिन तिरंगे को झुकने नहीं दिया। आजादी की लड़ाई में निडर होकर लड़ते रहे। पिता से मैंने यही सीखा है कि चाहे कुछ भी हो तिरंगा झुकने न पाए। इसलिए मैं तिरंगे के सम्मान के लिए लोगों को जागरूक कर रहा हूं।
रास्ते में पड़ा था तिरंगा, किसी ने नहीं दिया ध्यान
भगवानदास ने बताया कि कुछ साल पहले 16 अगस्त को मैं बेटी के साथ बाजार जा रहा था। मेरी नजर जमीन पर पड़े तिरंगे पर पड़ी। मैंने बाइक रोकी और बिटिया से तिरंगे को उठाकर लाने कहा। बिटिया ने तिरंगे को प्रणाम किया और उसे साफकर ले आई। जो लोग तिरंगे को रौंदकर बढ़ रहे थे वे इस नजारे को चुपचाप देख रहे थे। मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि आखिर लोगों में तिरंगे को लेकर सेंसटिविटी क्यों नहीं है।
नारियल में तिरंगा लगाकर निकले अगले दिन उसी तिरंगा मैंने नारियल पर लगाया और एक हाथ से बाइक चलाते हुए शहर का भ्रमण किया। शुरुआत उसी जगह से की जहां पर इसे पड़ा देखकर भी किसी ने उठाने तक की जहमत नहीं की। वे लोग भी देखकर हैरान थे। उन्हें समझ आ गया कि मैं क्या मैसेज देना चाहता हूं। मैंने पाया कि लोगों को तिरंगे का सम्मान समझ में आ गया। तब से मैं इस मिशन में लगा हूं।