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युवाओं की घटती रुचि, अब नर्सिंग की पढ़ाई के लिए 12वीं में विज्ञान पढऩे की अनिवार्यता खत्म, इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने प्रवेश नियमों में किया बदलाव

locationरायपुरPublished: Jan 28, 2020 06:25:36 pm

अब 12वीं में किसी भी विषय में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी बीएससी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए कर सकता हैं आवेदन

युवाओं की घटती रुचि, अब नर्सिंग की पढ़ाई के लिए 12वीं में विज्ञान पढऩे की अनिवार्यता खत्म, इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने प्रवेश नियमों में किया बदलाव

युवाओं की घटती रुचि, अब नर्सिंग की पढ़ाई के लिए 12वीं में विज्ञान पढऩे की अनिवार्यता खत्म, इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने प्रवेश नियमों में किया बदलाव

रायपुर. नर्सिंग पाठ्यक्रम में युवाओं की घटती रूचि को देखकर इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) ने प्रवेश नियमों में बड़े बदलाव कर दिए हैं। सत्र 2019-20 तक प्रवेश परीक्षा में आवेदन करने के लिए 12वीं कक्षा में भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान (पीसीबी ) की पढ़ाई अनिवार्य थी। अब इस अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। अब 12वीं में किसी भी विषय में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी बीएससी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर सकता हैं।
इस बड़े बदलाव के साथ आईएनसी ने सभी राज्यों को सर्कुलर भेज दिया है। छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने सर्कुलर पर काम भी शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ आईएनसी के इस बदलाव को हु-ब-हू स्वीकार कर लेगा। बता दें कि है कि आईएनसी कॉलेजों का निरीक्षण कर प्रवेश की अनुमति देती है। कॉलेजों को आयुष विश्वविद्यालय संबद्धता जारी करता है। राज्य नर्सिंग काउंसिल कॉलेजों की मॉनीटरिंग करती है।
ये होंगे प्रमुख बदलाव
अब तक अनारक्षित वर्ग के आवेदक को आवेदन करने के लिए 12वीं में 45 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को ४० प्रतिशत अंक की अनिवार्यता थी। अब इसे समाप्त करते हुए सभी के लिए 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य कर दिए हैं।
काउंसिलिंग की प्रक्रिया चार चरणों से अधिक नहीं होगी। यानी अब निजी नर्सिंग कॉलेजों के संचालक सीट न भरने की स्थिति में काउंसिलिंग की समय-सीमा बढऩे का दबाव नहीं बना सकेंगे।
पाठ्यक्रमों को भी रिवाइज करने के निर्देश दिए गए हैं।
तीन साल में 2781 सीट हुई लैप्स
बीते तीन साल के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 2017-18 में 1473, 2017-19 में 900 और 2019-20 में 398 सीट लैप्स हुईं। इन आंकड़ों के मुताबिक लैप्स होने वाली सीटों की संख्या घट रही है, वह इसलिए क्योंकि काउंसिलिंग तय चार चरणों के बजाए आठ-आठ बार काउंसिलिंग करवाई गई।
अभी से अलर्ट, दलालों का झांसे में न आएं
नर्सिंग काउंसिलिंग एजेंसी चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने अभी से युवाओं को चेतावनी जारी कर दी है। कहा गया है कि अगर कोई जालसाज, दलाल या निजी कॉलेज नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश दिलवा रहा है तो इनके झांसे में न आएं। न ही इनसे कोई लेन-देन करें। नर्सिंग कॉलेजों में प्रवेश सिर्फ व्यापमं द्वारा ली जाने वाली प्रवेश प्रक्रिया के तहत ही हो होगा।
लागू हो सकती है सेमेस्टर प्रणाली
नर्सिंग पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर राज्य स्तर पर कवायद जारी है। पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ-साथ सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने की तैयारी भी है। विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है। नया पाठ्यक्रम कुछ इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है, जो अभ्यर्थियों को आकर्षित कर सके। पाठ्यक्रम का पारूप आईएनसी ने राज्य को भेजा भी है। अब न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि सभी राज्यों के लिए चुनौती नर्सिंग पाठ्यक्रम के प्रति अभ्यर्थियों के रूझान को बढ़ाने की है। बतां दें इसके पहले घटते रूझान के म²ेनजर ही केंद्र सरकार ने जीएनएम पाठ्यक्रम को बंद करने का फैसला लिया है, जो 2021 से बंद हो रहा है।
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के प्रवक्ता एवं सदस्य काउंसिलिंग कमेटी डॉ. जीतेंद्र तिवारी ने बताया कि आईएनसी से एक सकुर्लर प्राप्त हुआ है। जिसमें प्रवेश नियमों में काफी बदलाव का उल्लेख है। अभी राज्यस्तर पर निर्णय होना बाकी है। विचार किया जा रहा है।
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